बागेश्वर।जिले के अधिकतर रेंज के जंगलों में इन दिनों आग लगी हुई है। आग के कारण वातावरण में धुंध ही धुंध है। इससे लोगों को आंखों में जलन की शिकायत हो रही है। स्वांस के रोगी भी परेशान हैं, लेकिन वन विभाग के कंट्रोल रूम में अभी तक सिर्फ सात आग लगने की घटना दर्ज है। इससे स्पष्ट है कि या तो लोग शिकायत नहीं कर रहे या वन विभाग शिकायत दर्ज नहीं कर रहा है। जिले में बागेश्वर, धरमघर, कपकोट, पिंडारी, गढ़खेत तथा बैजनाथ वन रेंज है। इसमें से पिंडारी को छोड़कर अन्य रेंज के जंगलों में आग लगी हुई है। सबसे अधिक घटनाएं धरमघर रेंज में हो रही है। यहां का कोई जंगल ऐसा नहीं है जहां से धुआं नहीं उठ रहा है। दूसरे नंबर पर बागेश्वर रेंज का जंगल शामिल है। आग के चलते वातावरण में धुंध ही धुंध है। ग्रामीण अपने सहयोग से आग पर काबू पा रहे हैं। जंगल से लगे रिहायशी इलाके के लोग परेशान हैं। वह दहशत के मारे सो तक नहीं पा रहे हैं। कई बार जंगल की आग से लोगों के घास व लकड़ी के ढेर जलकर राख हो जाते हैं। इसे बचाने के लिए ग्रामीण चिंतित हैं। वातावरण में इतनी धुंध के बावजूद वन विभाग में दो महीने के भीतर आग लगने की सात घटना दर्ज है। विभाग के अनुसार अभी तक पांच हेक्टेयर जंगल जले हैं। विभाग को 13 हजार, 800 रुपये का नुकसान हुआ है। बागेश्वर रेंज के रेंजर एसएस करायत ने बताया कि जंगल की आग पर विभाग नजर बनाए हुए है। इन दिनों कई लोग अपने खेतों में खर-पतवार भी जला रहे हैं। इससे भी धुआं बढ़ा है।