उत्तराखंड

कौसानी में पांच दिवसीय लेखन कार्यशाला शुरू

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बागेश्वर। बालप्रहरी और भारत ज्ञान-विज्ञान समिति अल्मोड़ा की ओर से सुमित्रा नंदन पंत वीथिका कौसानी में पांच दिवसीय लेखन कार्यशाला शुरू हो गई है। मुख्य अतिथि थ्रीश कपूर ने बच्चों से कहा कि हमें अपने जीवन में किसी न किसी कला में पारंगत होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें अपनी रुचि के अनुसार कला, संस्ति, साहित्य व नाटक किसी न किसी विधा में अपनी पहचान बनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम भविष्य में एक अच्टे डक्टर, इंजीनियर या कलाकार बनें, लेकिन उससे पहले हमें एक अच्छा इंसान बनकर अपनी पहचान बनानी चाहिए । मुख्य संयोजक उदय किरौला ने बताया कि बालप्रहरी की ओर से अभी तक देश के 16 राज्यों में 291 पांच दिवसीय कार्यशालाएं आयोजित की जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि कौसानी में पांच दिवसीय कार्यशाला में बच्चों को कहानी, कविता और निबंध आदि साहित्य की विभिन्न विधाओं की जानकारी दी जाएगी। प्रत्येक बच्चे की हस्तलिखित पुस्तक तैयार की जाएगी। अंतिम दिन बाल कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इसका संचालन व अध्यक्षता बच्चे करेंगे। कार्यशाला में कविता लेखन की जानकारी दी गई। पहले सभी बच्चों ने अपनी पाठ्यपुस्तक की कविताएं सुनाईं। कविता में तुक, लय, भाव और शीर्षक आदि तत्वों का होना जरूरी है। बच्चों ने अपनी हस्तलिखित पुस्तक के लिए मेरा परिचय, मेरे जीवन की घटना आदि आलेख तैयार किए। शिक्षक और कार्यशाला के सह संयोजक हरेंद्र सिंह रावत, चंद्रकला उप्रेती व पंकज पांडे ने विभिन्न प्रतियोगिताओं के मूल्यांकन में सहयोग किया।

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