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उत्तराखंड में बनेंगे पांच नए शहर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का खुलासा

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देहरादून। उत्तराखंड के पांच प्रमुख शहरों में धामी सरकार नई टाउनशिप का प्लान कर रही है। इन मिनी शहरों को विकसीत करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विशेषज्ञों की टास्क फोर्स का भी गठन किया है। सरकार ने शहरों में बढ़ते आबादी के दबाव को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। इन नए शहरों में रिहायशी क्षेत्रों के साथ ही आईटी कंपनियों सहित रोजगार परक संस्थानों के लिए विशेष रूप से स्थान आरक्षित होगा।
सीएम धामी के अनुसार इस योजना को धरातल पर उतारने के लिए विशेषज्ञों की टास्क फोर्स गठित की गई है। ये विशेषज्ञ जिलावार आने वाले प्रस्तावों का अध्ययन करके टाउनशिप के विकास के लिए सुझाव देंगे। सरकार ने पांच साल के भीतर ये पांच शहर विकसित करने का लक्ष्य रखा है। जिलावार अधिकारियों से टाउनशिप के लिए प्रस्ताव मांगे गए हैं। इन प्रस्तावों का अध्ययन करने के बाद सबसे उपयुक्त स्थान का चयन किया जाएगा।
इसलिए जरूरत राज्य में इस वक्त नगरीय क्षेत्रों की संख्या 100 से ऊपर है। प्रमुख रूप ये देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और यूएसनगर में ही आबादी का दबाव ज्यादा है। हालिया कुछ वर्षों में औद्योगिक और कारोबारी गतिविधियां बढ़ी हैं। आईटी, फार्मा समेत विभिन्न सेक्टर में संभावनाओं में भी काफी इजाफा हुआ है। इसे देखते हुए आवश्यक बुनियादी ढांचे और संसाधनों से पूर्ण क्षेत्रों की जरूरत महसूस हो रही है। कुछ राज्यों में पहले ही नई टाउनशिप विकसित करने के प्रयोग हो चुके हैं और काफी सफल भी रहे हैं।
मोहाली फार्मूला है कारगर चंड़ीगढ़ पर आबादी का दबाव बढ़ने पर वहां 19 किलोमीटर दूर मोहाली को बसाया गया था। आज मोहाली एक शानदार शहर का रूप से ले चुका है। चंडीगढ़ की तर्ज पर इसे सेक्टरों में विभाजित करते हुए विकसित किया गया। इस वक्त 100 से ज्यादा सेक्टर हैं। मोहाली की पहचान इसके अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम के साथ साथ आईटी सेक्टर के लिए भी है।
नए शहर की योजनाएं परवान नहीं चढ़ी उत्तराखंड में नई टाउनशिप बनाने की योजना अब तक तक परवान ही नहीं चढ़ पाई। पूर्व में एनडी तिवारी सरकार ने नया देहरादून और हरीश रावत सरकार ने पछवादून क्षेत्र में स्मार्ट सिटी बनाने की तैयारी की गई थी।
नई टाउनशिप योजना की खास बातें
-आर्थिक गतिविधियों वाले शहरों में किया जाएगा नई टाउनशिप का विकास
-मोहाली की तर्ज पर इनका सेक्टर के अनुसार बुनियादी ढांचा तैयार किया जाएगा
-कम से कम भूमि पर ज्यादा से ज्यादा संसाधन विकसित करने पर रहेगा फोकस
-सड़क,बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधा को दी जाएगी सर्वोच्च प्राथमिकता
-दूसरे राज्यों के लिए एक माडल सिटी पेश करने की तैयारी

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