कोटद्वार-पौड़ी

धारी देवी मंदिर में उमड़ा आस्था का सैलाब

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जयन्त प्रतिनिधि।
श्रीनगर : नवरात्र के मौके पर अष्टमी पर्व पर चारों धामों की रक्षक माने जाने वाली अधिष्ठात्री दक्षिण काली मां धारी देवी मंदिर में भक्तों का बड़ी संख्या में तांता लगा रहा। भगवान केदारनाथ-बदरीनाथ की यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्री भी बड़ी संख्या में धारी देवी के दर्शन के लिए पहुंचे थे।
अत्यधिक भीड़ होने के बाद मंदिर समिति ने पूजा-अर्चना के बजाय मंदिर में मात्र दर्शन और प्रसाद वितरण किया। पुजारियों के अनुसार नए मंदिर में शिफ्ट न होने के कारण अस्थाई मंदिर में ऐसे पर्व पर भीड़ जुटने से पूजा-अर्चना में अव्यवस्थाएं बन जाती है। सिद्धपीठ धारी देवी मंदिर के पुजारी लक्ष्मी प्रसाद पांडेय ने कहा कि अष्टमी तिथि पर भक्तों द्वारा हवन कराया गया। चारों धाम की यात्रा बढ़ने के कारण मंदिर भी इस बार बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे रहे है। कहा कि अत्यधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने से अस्थाई मंदिर में जगह कम होने के कारण पुजारियों द्वारा की जाने वाली भक्तों की पूजा बंद कर दी और मात्र धारी देवी दर्शन और प्रसाद वितरित श्रद्धालुओं को कराया गया है। कहा कि देर शाम धारी देवी मंदिर में अष्टमी की पूजा और मंगलवार को नवमी पर हरियाली का वितरण किया जायेगा। इस मौके पर पंडित रामस्वरूप पांडेय, आचार्य किशोर पांडेय, रमेश पांडेय ने भक्तों को रक्षासूत्र बांधने के साथ ही टीका लगाया गया। इस मौके पर दीपक रावत, विकास कुमार सहित कलियासौड़ चौकी प्रभारी अजय भट्ट के नेतृत्व में पुलिस व्यवस्था बनाने में जुटी रही।
वहीं राजराजेश्वरी, चन्द्रबदनी, मठियाणा देवी आदि मंदिरों में भक्तों की भीड़ जुटी रही। धारी देवी मंदिर को जाने वाली सड़क भी लम्बे समय से क्षतिग्रस्त है, किंतु प्रशासन द्वारा उसे ठीक नहीं कराया जा रहा है। जबकि उक्त सड़क से क्रैशर संचालक सहित अन्य के ट्रक भी आवाजाही करते है। भक्तों ने मंदिर तक आने वाली सड़क के डामरीकरण की मांग की है। मंदिर के पुजारी लक्ष्मी प्रसाद पांडेय ने बताया कि उत्तरयाण में मकर संक्रांति के बाद जो भी मुर्हूत होगा, उसमें धारी देवी की मूर्ति को नये मंदिर में शिफ्ट कर दिया जायेगा। एसडीएम श्रीनगर अजयवीर सिंह द्वारा भी पुजारियों को मंदिर हैंडओवर करने का आश्वासन दिया है। पांडेय ने कहा कि नये मंदिर में धारी देवी की मूर्ति शिफ्ट होने से श्रद्धालुओं के साथ ही पुजारियों को दर्शन और पूजा की बेहतर व्यवस्था मिलेगी।

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