फारगो नियमावली के खिलाफ कार्मिक एकता मंच ने खोला मोर्चा नियमावली थोपने का लगाया आरोप
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। उत्तराखंड सरकार द्वारा जारी फारगो नियमावली के खिलाफ कार्मिक एकता मंच ने मोर्चा खोल दिया है। मंच ने सरकार से तत्काल इस नियमावली को निरस्त करने की मांग की। मंच के पदाधिकारियों ने आरोप लगाते हुुए कहा कि सरकार द्वारा एक्ट में संशोधन करने के बजाय नियमावली थोपी जा रही है।
रविवार को संगठन के अध्यक्ष रमेश पांडेय ने इस संबंध में ऑनलाइन बैठक की। उन्होंने कहा कि इस नियमावली में प्रशासनिक अधिकारी के स्थानांतरण की बात भी कही जा रही है जो कि संविधान प्रदत्त समानता के अधिकार का भी उल्लंघन है। सरकार को पदोन्नति को आसान बनाना चाहिए और हर जनपद में 60 प्रतिशत स्थान दूर्गम और 40 प्रतिशत स्थान सुगम घोषित करना चाहिए। जिससे सभी पदोन्नति पर कार्यभार ग्रहण कर सकें। उत्तराखण्ड सरकार द्वारा एक के बाद एक कर्मचारी विरोधी फैसले लिए जा रहे हैं। जिनका विरोध किया जायेगा। उन्होंने कहा कि कार्मिक एकता मंच का शीघ्र ही विस्तार किया जायेगा। सभी जनपदों में अध्यक्ष व सचिव सहित अन्य पदों पर नियुक्ति की जाएगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार द्वारा शहीदों के सपनों पर कोई भी कार्यक्रम नहीं चलाया जा रहा है जो कि निराशाजनक है। बैठक का संचालन सीताराम पोखरियाल संयोजक गढ़वाल मंडल ने किया। बैठक में वरिष्ठ उपाध्यक्ष धीरेंद्र कुमार पाठक, सचिव दिगम्बर फुलोरिया, संयोजक मंडल सदस्य पंकज कांडपाल, सौरभ चन्द, भूपेन्द्र, मानवेन्द्र बर्तवाल, नरेश भट्ट, आलोक उनियाल, राजीव उनियाल, प्रकाश चन्द्र कांडपाल, सौरव चंद, रेवती डंगवाल, जसपाल रावत, श्रीमती दीपशिखा, दीपक गेरोला, आनंद सिंह आदि उपस्थित रहे।