कोटद्वार-पौड़ी

दिल्ली दंगे में मृतक के भाई से ठगी करने का आरोपी पूर्व प्रधान गैरसैंण से गिरफ्तार सचिवालय में अधिकारी बनकर नौकरी के नाम पर ठगे थे तीन लाख पच्चीस हजार, कर्जा चुकाने के लिए रचा षडयंत्र   

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जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी। दिल्ली दंगे में मृतक दिलबर सिंह के भाई से नौकरी दिलाने के नाम पर तीन लाख पच्चीस हजार रुपये की ठगी के आरोपित पूर्व प्रधान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पूर्व प्रधान ने स्वयं को सचिवालय का अधिकारी बताकर मृतक दिलबर के भाई को फोन किया था और उससे दो बैंक चेक लिए थे। चेक पर फर्जी हस्ताक्षर कर बैंक खाते से धनराशि निकाली गई थी।
फरवरी 2020 में दिल्ली में हुए दंगों में थलीसैंण विकासखंड के रोखड़ा गांव निवासी दिलबर सिंह की मौत हो गई थी। दंगाइयों ने दिलबर पर उस समय अचानक हमला कर दिया था जब वह गोदाम में सो रहा था। दिलबर के स्वजनों को दिल्ली सरकार, उत्तराखंड सरकार के अलावा सामाजिक संगठनों ने भी आर्थिक सहायता प्रदान की थी। मृतक दिलबर के बड़े भाई देवेंद्र ने बताया कि बीते मार्च में एक व्यक्ति ने उन्हें फोन कर बताया कि वह सचिवालय देहरादून से बोल रहे हैं। तुम्हें नौकरी देने के लिए मुझे उच्चाधिकारियों के निर्देश मिले हैं। देंवेद्र ने बताया कि उक्त व्यक्ति ने उन्हें थलीसैंण के अंतर्गत आने वाले पैठाणी बाजार आने को कहा। साथ ही बैंक अकाउंट के दो चेक व अपने शैक्षणिक दस्तावेज लाने को भी कहा। व्यक्ति ने अपना नाम बीरेंद्र सिंह बताया था। जिस पर देवेंद्र अपने बैक अकाउंट के दो चेक व शैक्षिक प्रमाण पत्र लेकर पैठाणी पहुंचा। यहां उसने उक्त व्यक्ति बीरेंद्र को अपने सभी शैक्षिक दस्तावेज व दो चेक दिए। लेकिन, जून में एक बार फिर बीरेंद्र ने फोन कर बताया कि नौकरी के लिए प्रार्थना पत्र पिता के नाम से लिखा जाना है। इसलिए तुम अपने पिता के बैंक अकाउंट के चेक लेकर पौड़ी पहुंचो। देंवेंद्र ने बताया कि फिर उसने पौड़ी आकर बीरेंद्र को प्रार्थना पत्र के साथ ही अपने पिता के नाम के बिना हस्ताक्षरों वाले दो चेक दिए। हालांकि एक चेक पर उसके पिता के हस्ताक्षर थे। देवेंद्र ने बताया कि जब वह 30 जून को किसी कार्य से श्रीनगर बैंक गए तो पता चला के उसके पिता के बैंक अकाउंट से तीन लाख 25 हजार की धनराशि निकाली गई है। बैंक से जानकारी मिली कि उक्त राशि बीरेंद्र के अकाउंट में ट्रांसफर हुई है। देवेंद्र ने बताया कि कई दिनों तक बीरेंद्र उक्त राशि को वापस करने का झांसा देता रहा। बीते 30 जुलाई को देवेंद्र ने थाना पैठाणी में बीरेंद्र के खिलाफ फर्जी अधिकारी बनकर धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया।
थानाध्यक्ष प्रताप सिंह ने बताया कि विवेचना पूर्ण करने के बाद बीरेंद्र को चमोली जिले में उसकी दीदी के गांव खेत (गैरसैंण) से गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपित गैरसैंण के समीप ही सरणा गांव का पूर्व प्रधान है।
कर्जा चुकाने के लिए रचा षडयंत्र 
कर्ज में डूबे सरणा गांव के पूर्व प्रधान ने अपना कर्जा चुकाने के लिए मृतक दिलबर सिंह के भाई को ठगने का जाल बुना। आरोपित ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह कर्ज में डूबा हुआ था। उसे मीडिया से जानकारी थी कि उक्त परिवार को आर्थिक सहायता के रूप में काफी धनराशि मिली है। इसलिए उसने इस परिवार को ठगने का यह षडयंत्र रचा। पूछताछ में आरोपित ने बताया कि उसने पहले मृतक दिलबर के भाई देवेंद्र के बैंक अकाउंट के चेक लिए थे। लेकिन, देवेंद्र के अकाउंट में धनराशि न होने से उसे सफलता नहीं मिली। फिर उसने देवेंद्र के पिता के बैंक अकाउंट के दो खाली चेक मांगे। जिसमें से एक पर हस्ताक्षर थे। बीरेंद्र ने दोनों चेक में अलग-अलग धनराशि भरने के साथ ही एक चेक पर फर्जी हस्ताक्षर भी किए।

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