एक उपजिलाधिकारी के भरोसे चार तहसील
बीरोंखाल, धुमाकोट, थलीसैंण व यमकेश्वर की जिम्मेदारी संभाल रहे एक एसडीएम
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी। इसे जिले का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि जिस जिले में प्रदेश के तीन-तीन कैबिनेट मंत्री है वहां की चार तहसील केवल एक एसडीएम के भरोसे चल रही है। तहसील में परमानेंट एसडीएम की तैनाती नहीं होने के कारण फरियादियों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों की शिकातय के बाद भी शासन इस ओर ध्यान देने को तैयार नहीं है।
बीरोंखाल तहसील उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत और सिचांई मंत्री सतपाल महाराज के विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा है। बावजूद इसके पूर्णकालिक एसडीएम की तैनाती नहीं हो पाई। स्थिति यह है कि एक एसडीएम के पास जिले की चार तहसीलों की जिम्मेदारी है और लोग राजस्व विभाग से जुड़े जरूरी कामों के लिए परेशान रहते हैं। एसडीएम धुमाकोट इस वक्त जिले की चार तहसीलों का कामकाज देख रहे हैं। उनके पास धुमाकोट, बीरोंखाल, थलीसैंण और यमकेश्वर की जिम्मेदारी है। बीरोंखाल और थलीसैंण तहसील में तो लंबे समय से तहसीलदार का पद रिक्त चल रहा हैं। इस स्थिति में अफसर भी एक तहसील में ज्यादा समय नहीं दे पाते। इससे क्षेत्र के विकास कार्यों सहित ग्रामीणों के काम भी लंबे समय तक लटके रहते हैं। ग्रामीणों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों में इसे लेकर गुस्सा भी है। कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष डॉ. जेएस नेगी, कांग्रेस ब्लाक अध्यक्ष ख्यात सिंह नेगी कहते हैं कि भाजपा के दो कैबिनेट मंत्रियों के क्षेत्र की तहसीलों में पूर्णकालिक अधिकारियों की तैनाती नहीं हो पा रही है, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकारी कामकाज कैसे चल रहे हैं। लोगों की दिक्कतों की भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। उधर, धुमाकोट एसडीएम प्रवीन कुमार ने बताया कि उन्होंने सभी तहसीलों में रोस्टर बना रखा हैं, वह पूरा समय दे रहे हैं। वहीं, जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि जिले में खाली चल रही तहसीलों में एसडीएम, तहसीलदारों के पद भरने के लिए शासन से लगातार पत्राचार किया जाता है।