करूणा और सहिष्णुता से ही मानवता जीवित: स्वामी चिदानन्द सरस्वती
ऋषिकेश,। खुद को प्यार देने और दुनिया में प्यार फैलाने का दिन है ‘ग्लोबल लव डे’। आज चारों ओर जैसा भयावह वातावरण है उससे उबरने के लिये वैश्विक स्तर पर प्रेम, करूणा, संवेदना और एकता की नितांत आवश्यकता है। कोरोना के कहर ने दिखा दिया कि यदि हम खुश और प्रसन्न रहना चाहते है तो दूसरों को भी प्रसन्न करने हेतु मदद करना होगा; दूसरों के प्रति करुणा का भाव रखना होगा तथा सहिष्णुता का अभ्यास करना होगा तभी दुनिया में मानवता को जीवित रखा जा सकता है। ‘‘गुज़र रही है जिन्दगी, ऐसे मुकाम से, अपने भी दूर हो जाते हैं, जरा से जुकाम से। अपने लिये नहीं अपनों के लिये जीना है। कोरोना के कारण अगर तन से दूर है लेकिन दिल के साथ जीना है, उनको अकेले महसूस नहीं होने देना हैै और सभी को अपनापन देना है। कोरोना की वजह से दूरी मानवता से दूरी न होने जाये और समाज से मानवता ना खो जाये इसका ध्यान रखना होगा।’’परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि सभी को सम्मान देना और एक खुशहाल जीवन जीने हेतु दूसरों की मदद करना बहुत जरूरी है। हमारे आस-पास की दुनिया में शान्ति युक्त सकारात्मक वातावरण के निर्माण में सहयोग करना तथा बिना किसी शर्त व बिना किसी भेदभाव के प्रेम करना आज की सबसे बड़ी जरूरत है। हम सभी एक ऐसे समय से गुजर रहें हैं जिसका समाधान केवल ग्लोबल सॉलिडारिटी में निहित है। हम सभी मिलकर कदम बढ़ायें तो मुझे पूरा विश्वास है हम दुनिया की भयावह सूरत को बदल सकते हैं। स्वामी जी ने युवाओं का आह्वान करते हुये कहा कि विशेष तौर पर युवाओं को यह समझना होगा कि उनके आस-पास ऐसे लोग हैं जो उनकी देखभाल करते हैं, खुद की जरूरतों को भूलकर उनकी जरूरतों को पूरा करने में सर्वस्व न्यौछावर करते हैं तथा अपनी परेशानियों को पीछे छोड़कर बच्चों को बेहतर भविष्य देने के लिये कठोर परिश्रम करते हैं उन सभी के प्रति सम्मान और प्रेम व्यक्त करने का पावन अवसर है। स्वामी जी ने कहा कि एक प्रेममय और शान्ति पूर्ण दुनिया के निर्माण में भले ही समय लगेगा परन्तु उसकी शुरूआत हम सब को मिलकर आज से ही करनी होगी। वर्तमान में कोरोना वायरस के कारण पूरी दुनिया भय और आतंक के साये में जी रही है ऐसे में प्रेम और स्नेह ही उन्हें इससे उबार सकता है इसलिये प्रेम और करूणा को दूसरों के साथ साझा करें। इस दुनिया को बेहतर बनाने के लिये अपने समय दान करें और कम से कम किसी एक व्यक्ति के दिन, दिल और जीवन को रोशन करने के लिए थोड़ा सा प्रेम और समय देने की कृपा करें। आईये दुनिया में बिना शर्त प्रेम बांटें और प्रेम में ही परमेश्वर के दर्शन करें।