एक सितंबर से एयरलाइंस अपने हिसाब से तय कर सकेंगी किराया, मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताई वजह
नई दिल्ली, एजेंसी। सरकार ने घरेलू हवाई किराये की न्यूनतम और उच्चतम सीमा को 31 अगस्त से हटाने का निर्णय किया है। इसका मतलब है कि एक सितंबर से एयरलाइंस अपने हिसाब से किराया तय कर सकेंगी। कोरोना की स्थिति को देखते हुए सरकार ने करीब 27 महीने पहले हवाई यात्रा के किराये की यह सीमा तय की थी।
नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को ट्वीट कर कहा, एयर टर्बाइन फ्यूल की दैनिक मांग और कीमतों का सावधानीपूर्वक विश्लेषण करने के बाद हवाई किराये की सीमा खत्म करने का निर्णय किया गया है।
रूस और यूक्रेन के बीच फरवरी में शुरू हुई लड़ाई के बाद एटीएफ की कीमत रिकार्ड ऊंचाई पर पहुंच गई थी, जिसमें पिछले कुछ हफ्तों से गिरावट आ रही है। एक अगस्त को दिल्ली में एक किलोलीटर (1,000 लीटर) एटीएफ की कीमत 1़21 लाख रुपये थी, जो पिछले महीने की तुलना में 14 प्रतिशत कम है।
कोरोना संक्रमण के चलते लगे दो महीने के लाकडाउन के बाद 25 मई, 2020 को जब घरेलू उड़ानें शुरू हुई थीं, तब सरकार ने उड़ान के समय के आधार पर न्यूनतम और उच्चतम किराये की सीमा तय कर दी थी। उड़ान के समय को आधे घंटे से लेकर तीन घंटे के बीच में आधे-आधे घंटे के आधार पर सात हिस्सों में बांटा गया था।
इसको ऐसे समझा जा सकता है कि इस समय कोई भी एयरलाइंस 40 मिनट की उड़ान के लिए किसी भी स्थिति में 2,900 रुपये से कम और 8,800 रुपये से ज्यादा किराया नहीं ले सकती हैं। इसमें जीएसटी शामिल नहीं है। न्यूनतम सीमा कमजोर आर्थिक हालत वाली एयरलाइंस की सुरक्षा और उच्चतम सीमा यात्रियों के हितों की रक्षा के लिए तय की गई थी।