गैरसैंण में बजट सत्र को लेकर हरीश रावत ने दी सीएम को सलाह
देहरादून। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने गैरसैंण को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को सलाह दी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को मंत्रियों और सचिवों सहित भराड़ीसैंण में एक-डेढ़ माह तक प्रवास करने की हिम्मत करनी चाहिए। इससे पूरे राज्य को समझने का तरीका बदल जाएगा। इंटरनेट मीडिया पर अपनी पोस्ट में हरीश रावत ने कहा कि सरकार गैरसैंण में बजट सत्र का नगाड़ा जोर से बजा रही है। अच्छी बात है। हम यह पहले ही कर चुके हैं। बजट सत्र का अर्थ केवल कुछ दिन की लीपापोती नहीं होना चाहिए। सरकार कम से कम ट्रायल के तौर पर ही डेढ़ महीने सत्र का संचालन गैरसैंण से करती है तो यह सही दिशा में छोटा कदम है। यदि सत्र के साथ ही सरकार भाग आती है तो ये गैरसैंण और उत्तराखंडियत का अपमान है। उन्होंने पंचायतों में आउटसोर्स कर्मियों को हटाना वर्षों से कार्यरत व्यक्तियों के प्रति अन्याय है। तकनीकी परामर्श के अभाव में पंचायतें धन खर्च नहीं कर पाएंगी। केंद्र सरकार और राज्य सरकार की मंशा पैसा खर्च नहीं होने देने की है तो यह दुर्भाग्यजनक है। ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में विधानसभा का बजट सत्र आयोजित करने की मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की घोषणा के बाद अब विधानसभा भी सत्र की तैयारियों में जुट गई है। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल के मुताबिक इस सिलसिले में जल्द ही विधानसभा की टीम गैरसैंण भेजी जा रही है। विधानसभा अध्यक्ष अग्रवाल के अनुसार वह भी चाहते थे कि विधानसभा का बजट सत्र गैरसैंण में हो। अब मुख्यमंत्री ने इसकी घोषणा भी कर दी है। उन्होंने बताया कि सत्र के मद्देनजर गैरसैंण में तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। सभी व्यवस्थाएं कैसे मुक्कमल हों, उसकी तैयारी की जा रही है। एक-दो दिन में विधानसभा की एक टीम गैरसैंण भेजी जा रही है।
अग्रवाल ने कहा कि वर्तमान में कोरोना संक्रमण नियंत्रित स्थिति में है। प्रदेश में इसके मामले भी कम हुए हैं। साथ ही कोरोना से बचाव को फ्रंटलाइन स्टाफ का टीकाकरण प्रारंभ हो गया है। उन्होंने कहा कि वैसे भी विधानसभा के दो सत्र पहले कोरोना के साये में सफलतापूर्वक कराए गए थे। उन्होंने कहा कि सत्र के सिलसिले में तब की परिस्थितियों के हिसाब से निर्णय लिए जाएंगे। सभी के सहयोग से बजट सत्र भी हम सफलतापूर्वक आयोजित करेंगे।