गलघोंटू बीमारी से एक और बालिका की मौत

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बागेश्वर। गलघोंटू बीमारी से ग्रसित एक और बालिका की मौत हो गई है। स्वास्थ्य विभाग ने चचई गांव में टीकाकरण को शिविर आयोजित किया है। लोगों को बीमारी से बचाव की जानकारी भी दी गई है। अब तक चचई गांव में पांच बच्चों की मौत हो गई है। इससे गांव के लोग दहशत में हैं।चचई गांव में अगस्त से डिप्थीरिया यानी गलघोंटू बीमारी के लक्षण बच्चों में आए हैं। इसकी पुष्टि स्वास्थ्य विभाग ने जांच के बाद की है। यह गांव अनुसूचित जाति बाहुल्य है। ग्राम प्रधान निर्मला जोशी ने बताया कि गत शुक्रवार को गांव की हिमांशी (15) पुत्री मधन राम की मौत हो गई है। वह जिला अस्पताल से इलाज करा कर कुछ दिन पूर्व घर लौटी थी और इसबीच ठीक हो गई थी। उसके गले में दर्द की शिकायत थी। उन्होंने बताया कि हिमांशी राइंका कन्यालीकोट में दसवीं की छात्रा थी। यह बीमारी अगस्त से गांव में फैली हुई है। इससे अगस्त में एक अंतराल के बाद नीरज कुमार (13) पुत्र गोपाल राम, विद्या (14) पुत्री दिनेश चंद्र, अंकित (6) पुत्र दीवान राम, सपना (14) पुत्री माधो राम की इसी बीमारी से मौत हो गई है। स्वास्थ्य विभाग ने अगस्त में भी गांव में शिविर लगाया। सैंपल जांच के बाद पता चला कि बच्चों को गलाघोंठू बीमारी है। उन्होंने कहा कि लगातार बच्चों की मौत से गांव के लोगों में दहशत है। चचई में टीकाकरण शुरूबच्चों की मौत ने स्वास्थ महकमे को भी हिला कर रख दिया है। टीकाकरण पर सवाल उठने के बाद रविवार को फार्मासिस्ट हरीश आर्य, फैसिलेटर चंपा गढ़िया, एएनएम भगवती कोरंगा, पूरन खेतवाल, शांति देवी की टीम गांव पहुंची। उन्होंने बताया कि पहले दिन 178 बच्चों को टीकाकरण किया गया है। इसमें एक से 16 साल तक के बालक-बालिकाएं शामिल हैं।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कपकोट के डॉक्टर गांव पर निगरानी रखे हुए हैं। शनिवार को गांव में बीपीडी यानी वैल्यू आफ वैक्ससीनेशन और टीडी यानी टेटनेस एंड डिप्थीरिया का टीकाकरण कार्य शुरू किया गया है। उन्होंने बताया कि जांच के बाद डिप्थीरिया की शिकायत सामने आई है। लेकिन बालिका हिमांशी की मौत कैसे हुए यह जांच के बाद ही पता चल सकेगा। – डॉ. बीडी जोशी, सीएमओ बागेश्वर।

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