गंगा एस्केप चैनल के अध्यादेश को निरस्त करने के निर्देश
हरिद्वार। हरिद्वार में गंगा के एस्केप चैनल को लेकर उत्तराखंड सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। रविवार को अखाड़ा परिषद के संतों और गंगा सभा के पदाधिकारियों की मौजूदगी में हुई बैठक के बाद सरकार ने एस्केप चैनल के अध्यादेश को निरस्त करने के निर्देश दिए। गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ का दावा है कि आदेश सोमवार को जारी हो जाएगा। बता दें कि यह अध्यादेश उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत की सरकार में हुआ था।हरिद्वार के तीर्थ पुरोहित पिछले लंबे समय से अध्यादेश को निरस्त करने की मांग कर रहे थे। तीर्थ पुरोहित गंगा केसम्मान के लिए पिछले 61 दिन से आंदोलन कर हरकी पैड़ी पर धरना दे रहे थे। ….ये है मामला- बता दें कि प्रदेश में तत्कालीन हरीश रावत की सरकार ने 2016 में भागीरथी बिंदु, सर्वानंद घाट भूपतवाला से हरकी पैड़ी, मायापुर और दक्ष मंदिर कनखल तक बहने वाली गंगा को एस्केप चैनल घोषित कर दिया था। इसका मतलब था कि यह धारा एक नहर है जो गंगा में अतिरिक्त पानी की निकासी के काम आती है।इसके बाद से ही तीर्थ पुरोहित इसका विरोध कर रहे थे। वहीं, कुछ महीने पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हरिद्वार जाकर इस अध्यादेश को लेकर अपनी गलती स्वीकार की थी। उन्होंने साधु संतों से लिखित में माफी भी मांगी थी। तब उन्होंने कहा था कि उनकी गलती को त्रिवेंद्र सरकार चाहे तो सुधार सकती है।