सरकारी वाहनों पर पदनाम लिखने की छूट
देहरादून। उत्तराखंड मेंसरकारी अफसर अब अपनी सरकारी गाड़ी पर नाम या पद का बोर्ड (नेम प्लेट) लगा सकेंगे। हाल ही में हाईकोर्ट ने अपने आदेश में आंशिक संशोधन करते हुए ‘सरकारी’ शब्द को हटा दिया है।छह जुलाई 2018 को हाईकोर्ट ने अरुण कुमार वर्सेज उत्तराखंड सरकार के मामले पर सुनवाई करते हुए आदेश जारी किया था कि सभी तरह के सरकारी और निजी वाहनों पर कोई भी व्यक्ति नाम, पद आदि नहीं लिख सकता है। हाईकोर्ट ने सरकार को आदेश दिए थे कि 72 घंटे के भीतर सभी वाहनों से नेम प्लेट हटाई जाए। इस आदेश के बाद एक ओर जहां सचिवालय में तमाम अफसरों ने नेम प्लेट हटा दी थी तो दूसरी ओर सभी जिलों के जिलाधिकारियों, प्रशासनिक अफसरों व दूसरे विभागों के अफसरों ने भी नेम प्लेट हटा दी थी। इस आदेश पर पुनर्विचार के लिए उत्तराखंड सरकार ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाईकोर्ट ने अपने आदेश को संशोधित करते हुए इसमें से ‘सरकारी’ शब्द को हटा दिया है।
केवल सरकारी वाहन पर ही लिखा जा सकेगा पदनाम
हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकारी वाहनों पर पदनाम लिखने की छूट मिल गई है, लेकिन यह केवल सरकारी वाहनों पर ही लागू होगी। वरिष्ठ अधिवक्ता आरएस राघव का कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश का अध्ययन करने पर यह साफ हो जाता है कि कोई सरकारी अफसर अपने घर की प्राइवेट गाड़ी पर पदनाम नहीं लिख सकेगा।
हाईकोर्ट के जुलाई 2018 में पारित आदेश पर हमने पुनर्विचार याचिका दायर की थी। इस याचिका पर स्थायी अधिवक्ता ने हाईकोर्ट के ‘सरकारी’ शब्द हटाने के आदेश के बारे में अवगत कराया है। हालांकि अभी आदेश की कॉपी प्राप्त नहीं हुई है। -एसके सिंह, परिवहन उपायुक्त