इतिहास में पहली बार अलग-अलग दिन खुलेंगे गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट
उत्तरकाशी। देश के इतिहास में यह पहला अवसर होगा जब विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट अलग-अलग तिथि पर खुलेंगे। क्योंकि इस वर्ष अक्षय तृतीय का पर्व दो दिन यानि 14 मई की सुबह 7:30 बजे से लेकर 15 मई की सुबह 7: 50 बजे तक है। जिसके चलते चार धामों के प्रथम पड़ाव यमुनोत्री धाम के कपाट 14 मई को दोपहर 12:15 पर तो गंगोत्री धाम के कपाट 15 मई को सुबह 7:30 पर खुलेंगे। रविवार को यमुना जयंती के अवसर पर यमुनोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों ने यमुनोत्री धाम के खुलने की तिथि और मुहूर्त को लेकर मंथन किया। इसमें ज्योतिषाचार्यों ने यह तय किया कि 14 मई को अक्षय तृतीय के पर्व पर ही यमुनोत्री धाम के कपाट खोले जाएंगे। इसी दिन सुबह 9:15 बजे शनिदेव की अगुवाई में मां यमुना की डोली शीतकालीन प्रवास खुशी मठ से यमुनोत्री धाम के लिए प्रस्थान करेगी और ठीक 12 बजकर 15 बजे अभिजीत मुहूर्त, आर्द नक्षत्र और कर्क-मिथुन लग्न पर यमुनोत्री धाम के कपाट खोले जाएंगे। वहीं दूसरी ओर गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों ने चैत्र नवरात्र के प्रतिपदा पर पहले ही गंगोत्री धाम के कपाट उद्घाटन का मूहूर्त निकाल चुके हैं। तीर्थ पुरोहितों के अनुसार 14 मई को प्रात: 11 बजकर 45 मिनट पर मां गंगा की उत्सव डोली अपने शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव से गंगोत्री धाम के लिए रवाना होगी।
जो रात्रि विश्राम भैरव घाटी स्थित भैरव मंदिर में करेगी। अगले दिन 15 मई शनिवार सुबह 05 बजे मां गंगा की डोली गंगोत्री धाम पहुंचेगी। जहां अक्षय तृतीय के पावन पर्व पर विधिविधान के साथ गंगा पूजन, गंगा सहस्त्रनाम पाठ एवं विशेष पूजा अर्चना के बाद वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ मिथुन लग्न की शुभ बेला पर प्रात: 07 बजकर 30 मिनट पर गंगोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जायेंगे।
रविवार को यमुना जयंती के अवसर पर यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव कृर्तेश्वर उनियाल ने बताया कि यह पहली बार होगा जब यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट अलग-अलग दिन खुलेंगे। गौरतलब है कि सदियों से गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीय के पर्व पर खुलते हैं। लेकिन, इस बार अक्षय तृतीय का पर्व दो दिनों में व्यतीत हो रहा है।