आम व्यक्ति अपने स्वास्थ्य को लेकर जागरूक
देहरादून। कोरोना से बचाव के लिए आम व्यक्ति अपने स्वास्थ्य को लेकर जागरूक हो गया है। यही कारण है कि आधुनिक युग में धीरे-धीरे अपनी पहचान खो रहे मिट्टी के घड़े की डिमांड दोबारा बढ़ने लगी है। आमजन फ्रिज के पानी से तौबा कर घड़े का पानी पीना पसंद कर रहा है।
कोरोना के लक्षणों में गले में खरास, खांसी और जुखाम भी शामिल है। ऐसे में क्षेत्रवासी इन दिनों ठंडे खाने-पीने की चीजों से परहेज कर रहे हैं। अधिकांश व्यक्ति फ्रिज के ठंडे पानी के बजाय घड़े के पानी को पी रहे हैं। हरिद्वार रोड निवासी शकुंतला देवी ने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान घर में रहने के साथ ही स्वास्थ्य की देखभाल भी जरूरी है। इसलिए घर में फ्रिज का इस्तेमाल केवल गर्मी से खाद्य पदार्थो को बचाने के लिए कर रहे हैं। चकरात रोड निवासी चंदन सिंह ने बताया कि घड़े के पानी में मिट्टी की सोंधी सुगंध आती है। यह पानी अत्यंत लाभदायक होता है। घड़ा बेचने वाले सुमन कुमार ने बताया कि गत वर्षो की भांति इस वर्ष घड़े की डिमांड बढ़ी है। ग्राहक सबसे अधिक टोंटी वाले घड़े पसंद कर रहे हैं। घड़ों की कीमत पचास रुपये से दो सौ रुपये है। साथ ही इस बार मिट्टी से निर्मित बोतल भी बाजार में बिक रही हैं।
यह हैं फायदे: गर्मी में मटके का पानी जितना शीतल होता है, उतना ही वह स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। इसका तापमान सामान्य से थोड़ा ही कम होता है, जो ठंडक तो देता ही है, साथ में पाचन क्रिया को भी बेहतर बनाने में मदद करता है। घड़े का पानी गले से संबंधी बीमारियों से बचाता है। इसे पीने से पेट से संबंधित भी बीमारियां भी नहीं होती।