गीता का ज्ञान हमारे सभी शास्त्रों का सार है
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। संस्कृत भारती पौड़ी विभाग द्वारा श्री गीता जयंती महोत्सव का आयोजन किया गया। महोत्सव में सामूहिक गीता पाठ, गीता ज्ञान, संगोष्ठी, गीता ज्ञान प्रश्नोत्तरी, चर्चा की गई। इस अवसर पर मुख्य वक्ता डॉ. कुलदीप पन्त ने कहा कि गीता सन्मार्ग बताती है नि:स्वार्थ कर्म की प्रेरणा व साहस, पराक्रम, धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष का परिचय कराती है।
संस्कृत भारती पौड़ी विभाग संयोजक आचार्य रोशन गौड़ ने बतौर मुख्य वक्ता के रूप में गीता के महत्व पर बताते हुए कहा कि गीता का ज्ञान हमारे सभी शास्त्रों का सार है। जिससे हमें कर्म करने की प्रेरणा मिलती है। जैसे कि सभी लोग विदित हैं (कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन) नि:स्वार्थ भाव से किया गया कार्य कभी निष्फल नहीं होता है, इसलिए कर्म करते रहना चाहिए, फल की चिंता नहीं करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि संस्कृत भारती संस्था द्वारा उत्तराखंड के सभी जनपदों के साथ-साथ सम्पूर्ण देश में गीता जयन्ती महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम संयोजक कुलदीप मैंदोला ने बताया कि विगत वर्ष की भांति इस वर्ष भी संस्कृत भारती के माध्यम से गीता जयंती महोत्सव का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि आचार्य रोशन गौड़ कोरोना वायरस से संक्रमित होने के उपरान्त चिकित्सालय में आइसोलेट की विकट परिस्थितियों में भी गीता जयन्ती के उपलक्ष में प्रतिदिन सांध्य कालीन संस्कृत संभाषण कार्य कर रहे हैं। यह गीता ज्ञान के उपदेश का प्रभाव ही है कि वे अपने कर्म को निरन्तर कर रहे हैं। कोरोना जैसी परिस्थितियों में जहां पूरी दुनिया भयभीत है वहीं आचार्य रोशन गौड ने संस्कृत का प्रचार करते हुए गीता का प्रचार भी किया। इस मौके पर डॉ. जानकी त्रिपाठी, रामेश्वर डोबरियाल, राकेश शर्मा, पंकज ध्यानी, रोशन बलूनी, सोनिया नेगी, सागर सकलानी, विनीता भट्ट, सपना पारासर, फरीन रानी, अरविन्द शाह, हरीश, प्रकाश, रोहित बलोदी आदि उपस्थित रहे।