बिग ब्रेकिंग

घर में काम करने वाली पत्नियों की कीमत कामकाजी पतियों से कम नहीं: सुप्रीम कोर्ट

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

मुंबई, एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि घर में काम करने वाली पत्नियों की तुलना कामकाजी पतियों से किसी भी मायने में कम नहीं है। कोर्ट ने कहा कि घर में काम करने वाली महिला पुरुषों की तुलना में ज्यादा और बिना पैसे के करती हैं काम। जस्टिस एनवी रमन्ना और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने एक मामले की सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए एक जोड़े के रिश्तेदार का मुआवजा बढ़ाने का फैसला दिया। इस जोड़े की मौत दिल्ली में एक हादसे में हो गई थी, जब एक कार ने उनके स्कूटर को टक्कर मार दी थी।
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने मृतक के पिता को इंश्योरेंस कंपनी से मिलने वाली मुआवजे की 11़20 लाख की राशि को बढ़ाकर 33़20 लाख करने और इसपर मई 2014 से 9 फीसद ब्याज देने का फैसला सुनाया। जस्टिस रमन्ना ने सुप्रीम कोर्ट के लता वाधवा केस में दिए गए फैसले को आगे बढ़ाते हुए यह फैसला दिया। दरअसल, 2001 में वाधवा केस में सुप्रीम कोर्ट ने मृतक महिला के घर में किए जाने वाले काम को आधार मानते हुए उसके परिजनों को मुआवजा देने का फैसला दिया था। महिला की एक समारोह में आग के कारण मौत हो गई थी।

[pdf-embedder url=”https://dainikjayantnews.com/wp-content/uploads/2021/01/02-1.pdf” title=”02″]

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!