माडर्ना की वैक्सीन लाने के लिए तेजी से काम कर रही सरकार, भारत में इमरजेंसी इस्तेमाल को मिल चुकी है मंजूरी
नई दिल्ली, एजेंसी। सरकार ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिकी दवा कंपनी माडर्ना की कोरोना वैक्सीन लाने के लिए बातचीत चल रही है। जल्द से जल्द वैक्सीन लाने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि अधिक लोगों का टीकाकरण हो सके। पिछले महीने ही देश में माडर्ना की वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति दे दी गई थी।
प्रेस कान्फ्रेंस में एक सवाल पर नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डा़ वीके पाल ने कहा कि माडर्ना वैक्सीन इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए है। सरकार कंपनी के साथ सक्रिय रूप से बात कर रही है कि कैसे इसे जल्द से जल्द देश में उपलब्ध कराया जाए। वैक्सीन के आयात को लेकर भी काम चल रहा है।
एक अन्य सवाल पर पाल ने कहा कि स्वदेशी दवा कंपनी जायडस कैडिला ने अपनी कोरोना वैक्सीन के तीसरे चरण के परीक्षण के नतीजों को भारत के दवा महानियंत्रक (डीसीजीआइ) के पास जमा करा दिया है। इसका वैज्ञानिक आकलन किया जा रहा है। सूचनाओं के आदान-प्रदान की प्रक्रिया चल रही है। सभी आंकड़ों के आकलन के बाद सिफारिशें की जाएंगी।
उन्होंने कहा कि कंपनी ने इस वैक्सीन का 12-18 साल के बच्चों पर भी परीक्षण किया है। आंकड़ों के मूल्यांकन में अगर आंकड़े सही पाए जाते हैं तो इस आयुवर्ग के बच्चों का भी इस वैक्सीन से टीकाकरण शुरू किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि हमें इस प्रक्रिया के पूरी होने और डीसीजीआइ द्वारा वैज्ञानिक आधार पर फैसला लिए जाने का इंतजार करना चाहिए।
बता दें कि रिपोर्ट्स के मुताबिक, 15 जुलाई तक देश के कुछ अस्पतालों में मडर्ना वैक्सीन पहुंच सकती है। मडर्ना वैक्सीन को ड्रग कंट्रोलर जनरल अफ इंडिया (क्ब्ळप्) द्वारा पिछले महीने ही देश में आपातकालीन उपयोग के लिए हरी झंडी मिल चुकी है। मडर्ना की वैक्सीन आने के बाद भारत में उपयोग के लिए कोरोना की चार वैक्सीन उपलब्ध हो जाएंगी। इससे पहले देश में दो स्वदेशी कोरोना वैक्सीन- कोविशील्ड, कोवैक्सिन और रूस की स्पुतनिक-वी वैक्सीन को प्रयोग में लाया जा रहा है।