उत्तराखंड

चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड पर सरकार को जनभावनाओं के अनुरूप निर्णय लेना चाहिए : अजय भट्ट

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देहरादून। केंद्रीय पर्यटन राज्यमंत्री अजय भट्ट ने कहा कि चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के संबंध में सरकार को जनभावनाओं के अनुरूप निर्णय लेना चाहिए। उन्होंने इस मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद मनोहरकांत ध्यानी की अध्यक्षता में समिति गठित किए जाने को सही ठहराया। साथ ही कहा कि समिति सभी पक्षों से वार्ता कर अपनी रिपोर्ट देगी, जिसके आधार पर सरकार फैसला लेगी। भट्ट ने कहा कि देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम भी अच्छी भावना के साथ लाया गया था। या तो इस बारे में हम समझा नहीं पाए या फिर समझ नहीं सके। अच्छी सरकार वही है, जो लचीली हो। उन्होंने कहा कि यदि किसी एक्ट को लेकर जनभावनाएं खिलाफ हैं तो उस पर पुनर्विचार होना चाहिए। चारधाम यात्रा से संबंधित सवाल पर उन्होंने कहा कि यह मामला अदालत में है और अदालत का जो भी फैसला होगा, उसके आधार पर सरकार निर्णय लेगी।
उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग के अंतर्गत संचालित इंस्टीट्यूट आफ होटल मैनेजमेंट (आईएचएम) को केंद्रीय आइएचएम बनाने का भी विचार है। यदि इस पर सहमति नहीं बनती है तो राज्य में किसी अन्य स्थान पर केंद्रीय आइएचएम बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि आइएचएम की आर्थिक तंगी की दिक्कत दूर की जाएगी।
भट्ट ने बताया कि केंद्र ने यमुनोत्री धाम के लिए 54.36 करोड़ की धनराशि मंजूर की है। इससे वहां रखरखाव, सौंदर्यीकरण समेत अन्य कार्य कराए जाएंगे। इससे पहले केदारनाथ के लिए 34.28 और बदरीनाथ के लिए 39.23 करोड़ रुपये मंजूर किए गए थे।
उन्होंने बताया कि शिव-पार्वती के विवाह स्थल त्रियुगीनारायण को धरोहर के रूप में विकसित कर विश्व पटल पर लाया जाएगा। इस बारे में सभी जानकारियां मांगी गई हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अल्मोड़ा के पांडवखोली, देहरादून के लाखामंडल जैसे पांडवकालीन स्थलों को भी विकसित किया जाएगा।
केंद्रीय राज्यमंत्री ने बताया कि उत्तराखंड में जल्द ही कोस्टगार्ड का भर्ती कार्यालय खोला जाएगा। यदि देहरादून में भूमि उपलब्ध नहीं होती है तो इसे अन्य जिले में खोला जाएगा। इससे यहां के युवाओं को कोस्टगार्ड में रोजगार मिल सकेगा।

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