ग्रामीणों को दिया आधुनिक तकनीकि से मौन पालन का प्रशिक्षण
अल्मोड़ा। उद्यान विभाग ने स्याल्दे ब्लॉक के सराईखेत में सात दिवसीय मौन पालन प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया। इसमें ग्रामीणों को आधुनिक तकनीकि से मौन पालन का प्रशिक्षण दिया गया। 50 से अधिक ग्रामीणों ने यहां मौन पालन का प्रशिक्षण लिया। प्रशिक्षण के दौरान ग्रामीणों ने किसानों को मौन पालन आधारित व्यवसाय के लिये प्रेरित किया। सराईखेत के प्राथमिक विद्यालय सारसों में सात दिवसीय प्रशिक्षण में बताया गया कि मधुमक्खी मानव के लिये महत्वपूर्ण है। यह पर्यावरण को स्वच्छ रखने, फसल उत्पादन में वृद्धि करने आदि में सहायक है। पर्वतीय क्षेत्र के लिये भारतीय मौन शहद उत्पादन के उपयुक्त बताया गया। प्रशिक्षकों ने मौनपालन से अत्यधिक लाभ लेने के लिये मौन गृह विधि बताते हुये कहा कि एक मौन परिवार में तीन प्रकार की मधुमक्खियां होती हैं जिसमें एक रानी ,दस हजार से तीस हजार तक कमेरी व एक सौ से पांच सौ तक नर मौन होते हैं। बताया गया कि शहद व उससे मिलने वाले मोम का दवाओं, सौंदर्य प्रसांधनों, बेकरी, मोमबत्ती उद्योग आदि में इस्तेमाल होता है। रविवार को शिविर के समापन मौके पर मौन पालन को रोजगार सृजन के लिये महत्वपूर्ण बताते हुए कई जानकारी दी गयी। प्रशिक्षण में चयनित 50 काश्तकारों ने प्रतिभाग किया। यहां मौन पालन विशेषज्ञ जगदीश चौधरी, सामाजिक कार्यकर्ता श्याम सिंह गुसाई, प्रभारी उद्यान केंद्र रोहित कुमार मौजूद रहे। इधर उद्यान अधिकारी टीनएन पांडे ने बताया कि ग्रामीणों को 50 फीसदी छूट पर मौन बाक्स समेत अन्य सामान दिया जाएगा।