जयन्त प्रतिनिधि।
सतपुली : सम्वत 2081 (मकर संक्रांति) को माँ भुवनेश्वरी सांगुड़ा स्यार में भैरव भुवनेश्वरी ध्वज मिलन समारोह का आयोजन गिन्दी कौथिक मेले के रूप में प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी 14 जनवरी को किया जायेगा।
आचार्य नागेंद्र मोहन सैलवाल पुजारी आदिशक्ति माँ भुवनेश्वरी मंदिर सांगुड़ा ने बताया कि यह परंपरा करीब साल 1669 की मकर संक्रांति से विद्यमान है। जिसे पौराणिक काल से पारस्परिक प्रेम को बढ़ाने के लिये भैरव-भुवनेश्वरी ध्वज मिलन समारोह लंगूरपट्टी और मनियारियों के महामिलन महोत्सव के रूप में भी जाना जाता है। उन्होंने कहा कि इस मेले में सफेद रंग के ध्वज प्रतीक चिन्ह में पट्टी लंगूर तथा लाल ध्वज प्रतीक चिन्ह के रूप में मनियारस्यू के लोग माँ को ध्वज अर्पित करते है। कतिपय कारणों से यह गेंद मेला 1796 में अवरुद्ध हो गया जो कि 1840 तक बंद रहा। 1840 की मकर संक्रांति को कुछ प्रबुद्ध जनों के द्वारा इसे प्रारंभ किया गया। जो आज भी गतिशील है। इस वर्ष भी पूर्व की भांति यह 14 जनवरी मकर सक्रांति को मनाया जा रहा है।