गुलदार के हमले में मासूम घायल, कोटद्वार विधायक ने जाना हाल

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार।
विकासखंड दुगड्डा के अन्तर्गत ग्राम सरड़ा में गुलदार के हमले में एक मासूम घायल हो गया। मासूम का राजकीय बेस अस्पताल में उपचार चल रहा है। कोटद्वार विधायक डॉ. हरक सिंह रावत ने लैंसडौन वन प्रभाग के डीएफओ दीपक सिंह से फोन पर गुलदार के हमले में घायल बच्चे की जानकारी ली। विधायक ने डीएफओ को घायल की तत्काल मदद करने के आदेश दिये। वहीं लैंसडौन वन प्रभाग की दुगड्डा रेंज के वन क्षेत्राधिकारी किशोर नौटियाल ने बताया कि सरड़ा गांव में गश्त बढ़ा दी गई है। उन्होंने बताया कि गुलदार के हमले में मासूम बच्चे को तत्काल सरकारी वाहन से अस्पताल में भर्ती करा दिया था। बच्चा स्वस्थ्य है और खतरे से बाहर है।
बीती बुधवार रात को करीब आठ बजे ग्राम सरड़ा निवासी 4 वर्षीय मंयक पुत्र राजेश घर के आंगन में खेल रहा था। इसी दौरान गुलदार ने मयंक पर हमला कर उसे घसीट कर जंगल की ओर ले जाने लगा। मयंक का शोर सुनकर मौके पर मौजूद परिजनों ने शोर मचाने के साथ ही गुलदार पर पत्थरों से हमला किया, जिसके बाद गुलदार मयंक को घर से कुछ दूर छोड़ जंगल की ओर भाग गया। घटना की सूचना परिजनों ने वन विभाग के अधिकारियों को दी। सूचना सूचना मिलते ही वन क्षेत्राधिकारी किशोर नौटियाल पूरी टीम के साथ गांव में पहुंचे और गुलदार की तलाश शुरू कर दी। वन क्षेत्राधिकारी ने घायल बच्चे को लेकर राजकीय बेस अस्पताल कोटद्वार में भर्ती कराया। चिकित्सकों ने बताया कि मयंक के कान में गुलदार के नाखूनों के निशान हैं। उन्होंने मयंक की स्थिति को खतरे से बाहर बताई है। ग्रामीणों का कहना है कि सरड़ा गांव के पास पिछले लंबे समय से गुलदार अपने शावकों के साथ घूम रहा है। ग्रामीणों की ओर से वन विभाग को कई बार इस संबंध में सूचित किया गया, लेकिन विभाग की ओर से गुलदार व शावकों को गांव से दूर करने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए। उन्होंने विभाग से गुलदार और उसके शावकों को पकड़ने के लिए पिजरा लगाने की मांग की है।

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