गुलदार की बढ़ती सक्रियता बनी लोगों के लिए मुसीबत

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पिथौरागढ़। जनपद में मनुष्य और गुलदारों के बीच संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा है। पांच माह के भीतर ही गुलदार आठ लोगों को अपना शिकार बना चुका है। जबकि छह से अधिक लोग गुलदार के हमले में गंभीर रूप से घायल हुए हैं। वन विभाग भी अब तक तीन गुलदारों को आदमखोर घोषित कर उन्हें ढेर कर चुका है। जबकि एक आदमखोर गुलदार अभी भी ग्रामीणों के साथ ही वन विभाग के लिए सिरदर्द बना हुआ है। सीमांत क्षेत्र के जंगलों में बढ़ते मानवीय हस्तक्षेप के कारण मानव और वन्य जीव के बीच लगतार संघर्ष बढ़ रहा है। वर्ष 2019 में भी गुलदार ने दो लोगों को मौत के घाट उतारा था। वहीं बीते सितंबर माहे से अब तक गुलदार आठ लोगों की जान ले चुके हैं। विशेषज्ञ लगातार बढ़ रही घटनाओं के लिए गुलदारों की बढ़ती संख्या, भोजन की कमी और जंगली इलाकों में बढ़ती मानवीय गतिविधियों को मुख्य कारण मान रहे हैं। लेकिन पर्वतीय क्षेत्रों में बढ़ती घटनाएं ग्रामीणों के लिए मुसीबत बन गई है। देवलथल क्षेत्र के गांवों में बीते एक माह से गुलदार का आतंक छाया हुआ है। अब तक गुलदार इस क्षेत्र की तीन महिलाओं को मार चुका है। जबकि दो महिलाएं घायल भी हुई हैं। लोगों में गुलदार का खौफ इस कदर बस गया है कि शाम होते ही लोग घरों में कैद हो रहे हैं। गुलदार की बढ़ती सक्रियता लोगों के लिए मुसीबत बनती जा रही है।

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