हाथरस कांड के विरोध में विभिन्न संगठनों ने किया पुतला फूंका
हल्द्वानी। हाथरस की घटना के विरोध में विभिन्न संगठनों ने शुक्रवार को पुरुष प्रधान मानसिकता व अश्लील उपभोक्तावादी संस्कृति का पुतला फूंका। घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों को कठोर सजा देने की भी मांग की। शुक्रवार को प्रगतिशील महिला एकता केंद्र, परिवर्तनकामी छात्र संगठन, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन ने बुद्ध पार्क में संयुक्त प्रदर्शन किया। हाथरस की घटना के विरोध में पूंजीवादी व्यवस्था के साथ पुरुष प्रधान मानसिकता व अश्लील उपभोक्तावादी संस्कृति का पुतला दहन किया। प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की महासचिव रजनी जोशी ने कहा कि महिलाओं के साथ बढ़ती हिंसा की जिम्मेदार अश्लील उपभोक्तावादी संस्कृति है। नीता ने कहा कि अश्लील संस्कृति फिल्मों, गानों, विज्ञापनों, सीरियल, पोर्न साइट्स के माध्यम से खुलेआम सोशल मीडिया, मीडिया द्वारा परोसी जा रही है। वह महिलाओं को इंसान की जगह उपभोग करने वाली वस्तुओं के रूप में प्रस्तुत करती है। इससे समाज के अंदर इस तरह के विकृत मानसिकता के लोग पैदा होते हैं, जो इस तरह की घटनाओं को अंजाम देते हैं। इस दौरान मोहन मटियाली, आरती, पीपी आर्या, टीआर पांडे आदि मौजूद रहे।
तिराहा कांड में भी महिलाओं का उत्पीड़न
2 अक्तूबर 1994 को उत्तराखंड के इतिहास में रामपुर तिराहा कांड हुआ था, जिसमें महिलाओं की अस्मिता को रौंदा गया था। वक्ताओं ने कहा कि महिला हिंसा के विरोध में हम सभी मजदूर-मेहनतकशों, छात्रों-नौजवानों, महिलाओं को एकजुट होकर इसके खिलाफ संघर्ष करना होगा।