कोटद्वार-पौड़ी

गांधी और शास्त्री के विचार, आदर्श हमारे लिए धरोहर

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जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी। महात्मा गांधी की 151वीं जयंती व देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती गुरूवार को जनपद पौड़ी गढ़वाल में सादगी से मनाई गई। इस मौके पर अपर जिलाधिकारी ने कहा कि गांधी 9 जनवरी 1915 दक्षिण अफ्रीका से भारत आए, इसलिए 9 जनवरी को अंतराष्ट्रीय प्रवासी दिवस मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने कई संघर्षों के बाद भी अपना आत्मबल नहीं खोया और आगे बढ़ते गए। हमें उनके विचार, आदर्श अपने जीवन में उतारने चाहिए और छोटी-छोटी कठिनाइयों से घबराना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के विचार, उनके आदर्श, जीवन जीने का मूल्य आदि हमारे लिए धरोहर है।
प्रभारी जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई ने विकास भवन परिसर में ध्वज फहराया। जबकि जिलाधिकारी कार्यालय कलेक्ट्रेट परिसर में अपर जिलाधिकारी डॉ0 एसके बरनवाल ने ध्वज फहराया। वहीं गांधी पार्क कण्डोलिया में नगर पालिका अध्यक्ष यशपाल बेनाम व अपर जिलाधिकारी डॉ0 एसके बरनवाल, उपजिलाधिकारी श्याम सिंह राणा, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका प्रदीप बिष्ट ने गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस मौके पर संस्कृति विभाग एवं राजकीय बालिका इंटर कॉलेज पौड़ी की छात्राओं द्वारा गांधी के प्रिय भजनों की सुंदर प्रस्तुति दी गई। अपर जिलाधिकारी ने महात्मा गांधी के जीवन मूल्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गरीबी से उठकर उच्च शिखर पर पहुंचना शायद भारत की परंपरा रही है। गांधी ने अपना पूरा जीवन मानव सेवा में लगा दिया। उनका पूरा जीवन ही स्वयं में एक इतिहास है। उन्होंने बताया कि महात्मा गांधी ने बचपन से लेकर 1920 तक के अपने संघर्ष को एक आत्मकथा के रूप में लिखा है, जो कि अंग्रेजी में लिखा गया है और जिसका हिंदी रूपांतरण है सत्य के प्रयोग। उन्होंने कहा की अच्छाई सब जानते हैं, किंतु नकारात्मक पक्ष कोई नहीं जानता, जबकि महात्मा गांधी ने अपनी इस आत्मकथा में नकारात्मक पक्षों को भी लिखा है।

गांधी ने विश्व बन्धुत्व का रास्ता दिखाया
जनपद पौड़ी गढ़वाल में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर गुरूवार को गढ़वाल मंडल आयुक्त रविनाथ रमन ने अपने कमिश्नरी कार्यालय पौड़ी परिसर में राष्ट्रीय ध्वज फैराया। उन्होंने कहा कि गांधी हर व्यक्ति एवं समाज की समस्या को आत्मसात् कर हल निकलते थे। उन्होंने हाथरस में हुई घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि ये घटना निर्भया कांड की याद दिलाता है। स्वतंत्रता का 73वां वर्ष हो जाने के बावजूद ऐसी घटना मिलती है। उन्होंने कहा कि आज के भौतिकवादी युग में गांधी के सत्य, अहिंसा व प्रेम के सिद्धान्त सर्व मान्य हैं। गांधी ने विश्व बन्धुत्व का भी रास्ता दिखाया है।


आयुक्त रविनाथ रमन ने कहा कि कार्यालयों में आने वाले हर व्यक्ति की समस्या को समाज की समस्या मानते हुए उसे त्वरित निस्तारित करे, तभी हम गांधी की विचारधारा को आत्मसात् कर सकेंगे। चिठ्ठी भी व्यक्ति की व्यथा है, हर चीज के महत्व को समझते हुए कार्य कर देश को सशक्त बनाने में अपना योगदान दें। करीब 5000 हजार वर्षो से हमारे देश ने किसी देश पर आक्रमण नहीं किया है। किन्तु जिन देशों ने आक्रमण किया उनको सबक सिखाया है। जरूरत है कि हम सब आपसी प्रेम व सदभाव के साथ रहते हुए देश के विकास एवं नव निर्माण के लिए तत्पर रहें। उन्होंने कहा कि सादगी के प्रति तथा जय जवान जय किसान का संदेश देने वाले पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के आदर्शों एवं सिद्धान्तों को भी अपनी कार्य प्रणाली में उतारना चाहिए। इस अवसर पर मुख्य प्रशासनिक अधिकारी नेत्र सिंह रावत, प्रशासनिक अधिकारी धर्म सिंह रावत, एपीओ राजेश सिंह, नाजिर विजय कुमार नैथानी, बृजभूषण यादव आदि उपस्थित थे।

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