हल्द्वानी विजिलेंस ने सितारगंज में रिश्वत लेते लोखपाल अशरफ अली को किया गिरफ्तार
सितारगंज । उत्तराखंड के ऊधमसिंहनगर जिले में रिश्वत लेने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। हल्द्वानी विजिलेंस टीम (भ्ंसकूंदप टपहपसंदबम) ने सितारगंज तहसील के बंदोवस्त विभाग में तैनात लेखपाल अशरफ अली (स्माीचंस ।ेीतंि।सप) को नौ हजार घूस लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है।
सितारगंज गांव बिज्टी पटिया निवासी सुखदेव सिंह पुत्र करनैल सिंह ने भ्रष्टाचार से सम्बधित शिकायत एप पर दर्ज कराई थी। इसके साथ ही 22 जुलाई को सुखदेव सिंह ने सतर्कता अधिष्ठान के एसपी को शिकायती पत्र भी दिया था।
पीड़ित सुखदेव सिंह ने आरोप लगाया कि उसकी भूमि की दाखिल-खारिज बंदोवस्त विभाग में होनी है। बंदोवस्त विभाग में तैनात लेखपाल अशरफ अली दाखिल-खारिज की रिपोर्ट लगाने के एवज में 15 हजार रुपये की रिश्वत मांग रहा है। जबकि दाखिल-खारिज के लिए कोई पैसा नहीं लगता है। पीड़ित सुखदेव सिंह ने आरोपित लेखपाल अशरफ अली (स्माीचंस ।ेीतंि।सप) को 18 जुलाई को 6000 रुपये भी दे दिए हैं। शेष धनराशि नहीं दिए जाने पर आरोपित लेखपाल उसका कार्य नहीं कर रहा है। जिसके बाद सतर्कता विभाग ने गोपनीय जांच शुरू कर दी। विजिलेंस इंस्पेक्टर चंचल शर्मा ने प्रथमिक जांच में आरोपों को सही पाया। जिसके बाद एसपी विजिलेंस प्रहलाल नारायण मीणा के निर्देश पर ट्रैप टीम का गठन किया गया। जिसमें इंस्पेक्टर चंचल शर्मा, इंस्पेक्टर हेमचंद पांडे के अलावा अन्य कर्मी नियुक्त किए गए। शनिवार को ट्रैप टीम ने जाल बिछाकर आरोपित लेखपाल अशरफ अली पुत्र शहादत अली मूल निवासी ग्राम ककरौंआ थाना शहजादनगर तहसील सदर जिला रामपुर, हाल निवासी कब्रिस्तान गेट थाना बनभूलपुरा हल्द्वानी, नैनीताल को नौ हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोच लिया।
आरोपित लोखपाल अशरफ अली के खिलाफ थाना सतर्कता अधिष्ठान हल्द्वानी में मुकदमा दर्ज किया गया है। विजिलेंस टीम प्रकरण में शामिल अन्य अधिकारियों की भी गोपनीय जांच कर रही है। घूसखोरी मामले की जांच इंस्पेक्टर हेमा गुणवंत को सौंपी गई है। रिश्वतखोर लेखपाल को दबोचने वाली ट्रैप टीम को एसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने दस हजार रुपये का नकद पुरस्कार दिया है।