जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। कोठारी पर्वतीय विकास समिति के सुनील दत्त कोठारी हर्बल चाय कंडाली बिच्छू बूटी की हर्बल चाय का प्रशिक्षण कार्यक्रम द्वारीखाल ब्लॉक के चैलूसैंण में 24 फरवरी से शुरू हो गया है। यह प्रशिक्षण 26 मई 2021 तक चलेगा।
दाना पानी रेस्टोरेंट के अरविन्द सिंह भंडारी के सहयोग से प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। हर्बल चाय विशेषज्ञ सुनील दत्त कोठारी ने कंडाली के वनस्पति महत्व, उपयोग, बाजारीकरण एवं गुणवत्ता के बारे में जानकारी दी। साथ ही पत्तियों का संग्रह, उपचार विधि, मिश्रण विधि एवं पैकिंग, साफ-सफाई की महत्वपूर्ण जानकारी दी। प्रशिक्षण शिविर में मुख्य रूप से सुनाडी, चावरा, तोल्लू, सिमलिया, चैलूसैंण, मस्तखल, सीला डंडा, खेतड़ी, जूंड, बामोली, कलसी, कंडाखनी, चवरा, सोड, दुलबालन खेत, दिकत गांव के स्वयं सहायता समूहों की 325 महिलाओं ने प्रशिक्षण लिया। सुनील दत्त कोठारी ने बताया कि प्रशिक्षण लेनी वाली महिलाओं को प्रमाण पत्र भी वितरित किए जाएंगे। प्रमाण पत्र टी कॉफी एसोसिएशन मुंबई एवं एचपीएमएफ मुंबई की ओर से दिये जायेगें। ये संस्थाएं जो पाठ्यक्रम में वस्तु गुणवत्ता एवं बाजारीकरण में सहायक रहेगा। होटल परचेज मैनेजर फोरम मुंबई समस्त भारतवर्ष में हर्बल चाय की मार्केट एवं प्रचार करने में सहायक है। उन्होंने कहा कि पर्वतीय विकास समिति का लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2021-2022 में 11,000 लोगों को प्रशिक्षण देने का है। कंडारी बिच्छू बूटी की चाय खाली पत्तियां नहीं है, अपितु सुनील दत्त कोठारी गहन शोध के बाद ड्राई प्रोसेस, लिफ ट्रीटमेंट एवं मिक्सिंग मेथड को आधुनिक रूप से विकसित किया गया है, ताकि पत्तियों में पाई जाने वाली औषधीय गुण को बढ़ाया जा सके। साथ ही हर्बल चाय को बनाने की विधि हाथों के द्वारा ही है, फूड सेफ्टी एंड हाइजीन का विशेष ध्यान रखा गया है, यही इस पाठ्यक्रम की उपलब्धता है कि उत्तराखंड के परिपेक्ष में लेकर वनस्पतियों का आधार लेकर उत्तम किस्म की हर्बल चाय प्रस्तुत करना। कार्य्र्रम में विनीता देवी, सीमा देवी, सुमन देवी, जसोदा देवी, रोशनी देवी, रजनी देवी, कुसुम देवी, पूनम देवी, आशा देवी, विमला देवी, चंद्रकला देवी, कविता देवी, यशोदा देवी आदि उपस्थित रहे। (फोटो संलग्न है)
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