पौड़ी की पीड़ा बताई जिलाधिकारी के आगे, कहा राज्य बनने के बाद हाशिये पर रखा गया पौड़ी को
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी। जिला मुख्यालय पौड़ी में पानी समेत विभिन्न समस्याओं को लेकर व्यापार सभा ने जिलाधिकारी के सामने पौड़ी की पीड़ा का बखान किया। कहा कि उत्तराखंड राज्य बनने के बाद पौड़ी को हाशिए पर रखा गया है। पदाधिकारियों ने कहा कि शहर की आज बद से बदत्तर हालत हो गयी है। फिर भी प्रशासन मौन क्यों है ?
जिला मुख्यालय पौड़ी में पानी की समस्या को लेकर अब विभिन्न संगठन आवाज उठाने लगे हैं। पौड़ी शहर में बीते एक माह से पानी की सुचारू व्यवस्था नही होने के चलते लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। व्यापार सभा ने शहर की पेयजल समेत विभिन्न समस्याओं के निस्तारण करने की मांग उठाई है। शुक्रवार को डीएम से मिले व्यापार सभा के पदाधिकारियों ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य बनने के बाद पौड़ी शहर की लगातार उपेक्षा की जा रही है। कहा कि शहर में पिछले लंबे समय से हो रही पेयजल किल्लत से जल्द निजात दिलाई जाए। शहर में पेयजल का वितरण दो बार किया जाना चाहिए। शहर के होटल व्यवसासियों के लिए अलग से पेयजल लाइन की व्यवस्था भी आवश्यक है। साथ ही उन्होंने कहा कि शहर की खस्ताहाल सड़कों का हाल ये है कि पता ही नहीं चल रहा कि सड़क में गड्डा है या गड्डों में सड़क। उन्होंने सड़कों का जल्द सुधारीकरण किये जाने की भी मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल में व्याप्त अव्यस्थाओं के चलते आज पौड़ी जिला अस्पताल पीपीपी मोड़ पर संचालित हो रहा है। लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए अन्य जगहों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।
इस मौके पर उन्होंने शहर को चारधाम यात्रा मार्ग से जोडे जाने की भी बात कही। कहा कि पिछले लंबे समय से इन समस्याओं के हल की मांग उठाई जा रही है । लेकिन इन समस्याओं पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। जिससे शहरवासियों में नाराजगी बनी है। सभा के महामंत्री देवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश को सबसे अधिक सीएम देने वाला पौड़ी शहर आज अपनी बुनियादी जरूरतों के लिए संघर्ष कर रहा है। सड़क, पानी और अस्पताल की स्थिति खस्ताहाल बनी है। कहा कि जल्द ही इन समस्याओं का हल नहीं होने पर उग्र आंदोलन किया जाएगा। ज्ञापन देने वालों में सभा के अध्यक्ष हेमेंद्र सिंह नेगी, कोषाध्यक्ष कुलदीप गुंसाई आदि शामिल थे।