स्वास्थ्य विभाग नेत्रदान के लिए लोगों को करेगा प्रेरित
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में राष्ट्रीय अंधता निवारण कार्यक्रम के तहत राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कलालघाटी में नेत्र शिविर लगाया गया। शिविर में लोगों को नेत्रदान के प्रति जागरूक किया गया। वरिष्ठ नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉ. डीके सिंह ने कहा कि मृत्यु उपरांत यदि हमारे शरीर का कोई अंग किसी के काम आता है, तो उसे दान करने में कोई बुराई नहीं है। उन्होंने बताया कि इस दौरान व्यक्ति की आँख की सिर्फ कॉर्नियां नेत्ररोग विशेषज्ञ द्वारा निकाली जाती है। इसके निकल जाने के बाद भी मृतक की आंखें वैसी की वैसी बनी रहती है। यदि एक व्यक्ति अपने नेत्रदान करेगा तो इससे दो नेत्रहीनों को दुनियां देखने को मिलेगी।
शिविर में राजकीय बालिका इंटर कॉलेज कलालघाटी की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के स्वयं सेवियों ने सहयोग किया। शिविर में स्वयं सेवियों ने नेत्रदान करने और लोगों को भी इस कार्य लिए प्रेरित करने का संकल्प लिया। इस अवसर पर राजकीय चिकित्सालय कोटद्वार के नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉक्टर दिनेश कुमार सिंह ने जीजीआईसी कलालघाटी की 30 छात्राओं और ग्रामीणों के आँखों की जांच की। डॉ. डीके सिंह ने बताया कि उन्होंने बताया कि कार्नियल ब्लाइंडनेस रोग से बच्चे। इस रोग से किशोर, युवा, वयस्क तथा वृद्ध सभी प्रभावित हैं। आंखों की यह विकृति जन्मजात, संक्रमण रोग, चोट लगने, विटामिन की कमी तथा कुपोषण आदि के कारण होती है। उन्होंने लोगों को नेत्रदान के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि नेत्रदान से किसी की जिंदगी में रोशनी लौट सकती है। नेत्रदान किसी भी उम्र में किया जा सकता है। इस मौके पर पार्षद राकेश बिष्ट, राजकीय प्राथमिक स्वास्थ केंद्र कलालघाटी के चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अजय सिंह नेगी, फार्मासिस्ट अमित कंडवाल, कोटद्वार चिकित्सालय के ललित गुप्ता, जीजीआईसी कलालघाटी की एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ. मंजू कपरवाण आदि मौजूद थे।