दुगड्डा ब्लॉक में भी अतिवृष्टि ने मचाई तबाही
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : दुगड्डा ब्लॉक में भी अतिवृष्टि ने तबाही मचाई है। घाड़ क्षेत्र के अंतर्गत बल्ली-कांडई मार्ग भूस्खलन के कारण भारी मात्रा में मलबा आने से एक हफ्ते से बंद है। ऐसे में कांडई, ईड़ा, ग्वीराला और मटियाल गांव का सड़क संपर्क कटा हुआ है। ईड़ा और ग्वीराला गांव में जरूरी सामान की आपूर्ति भी नहीं हो पा रही है। आपदा से कांडई गांव के मटियाल तोक, अमून तोक और डडोरा तोक में मकानों और गोशालाएं में गहरी दरारें आ गई हैं, जबकि किसानों की कई नाली भूमि बह गई है।
उप प्रधान बसंत सिंह नेगी और पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य जगदीश प्रसाद बेबनी ने बताया कि विगत आठ अगस्त को आई आपदा से ग्रामसभा कांडई और ईड़ा, ग्वीराला को जोड़ने वाली सड़क का 200 मीटर हिस्सा ध्वस्त हो गया है। खौलधार तोक में पहाड़ी आने से सड़क बह गई है, जिससे ग्रामीणों का बाजार व अस्पताल से संपर्क कट गया है। ग्रामसभा कांडई के मटियाल तोक में मलबा आने से शशि देवी और अमर सिंह की गोशालाएं क्षतिग्रस्त हो गई हैं। साथ ही ग्रामीणों की करीब 25 नाली भूमि मलबे में दब गई है। अमून तोक में विक्रम सिंह की गोशाला और मकान टूट गया है और 10 नाली कृषि भूमि बाढ़ में बह गई है। डडोरा तोक में जगत सिंह और गबर सिंह की गोशालाएं मलबे में दब गई हैं। कहा कि गांव के अधिकांश परिवार खतरे की जद में हैं। ईड़ा और ग्वीराला गांव का पैदल संपर्क मार्ग समणीधार और दिखाली के समीप टूट गया है ऐसे में इन गांवों का संपर्क कोटद्वार से कट गया है और यहां जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति भी नहीं हो पा रही है। ग्राम प्रधान मंजू देवी ने कहा कि चरेख पेयजल योजना की पाइप लाइन खोलधार समेत पांच जगहों पर क्षतिग्रस्त होने से कांडई ग्रामसभा में पेयजल संकट गहरा गया है। आपदा कंट्रोल रूम के साथ ही जिला प्रशासन को सूचना दे दी है। उन्होंने प्रभावित क्षेत्र में सड़क, बिजली व पानी की व्यवस्था सुचारु करने की मांग की।
पीएमजीएसवाई सिंचाई खण्ड कोटद्वार के सहायक अभियंता योगेंद्र सिंह ने बताया कि शुरुआती पांच किमी. हिस्से से मलबे को हटा लिया गया है। आगे के दो किमी. पर फीलिंग धंस गई है। सड़क खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही सुधारीकरण के लिए आपदा न्यूनीकरण मद में 15 लाख का प्रस्ताव जिला प्रशासन को भेजा है।