हेमकुंड साहिब के कपाट खुले, 150 श्रद्घालुओं ने टेका मत्था
गोपेश्वर। समुद्रतल से 15225 फीट की ऊंचाई पर चमोली जिले में स्थित श्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट शुक्रवार सुबह विधि-विधान पूर्वक खोल दिए गए। इस मौके पर 150 श्रद्घालुओं ने दरबार साहिब में मत्था टेका। कोरोना संक्रमण के चलते इस बार दोनों धाम के कपाट तीन माह के विलंब से खोले जा सके। पूर्व, में कपाट खोलने की तिथि एक जून तय हुई थी।
कपाट खुलने की प्रक्रिया सुबह नौ बजे शुरू हुई। इससे पूर्व, पंज प्यारों की अगुआई में श्रद्घालुओं का जत्था घांघरिया से हेमकुंड साहिब पहुंच चुका था। परंपरा के अनुसार कपाट खुलने पर सबसे पहले सचखंड साहिब से गुरु ग्रंथ साहिब को दरबार साहिब लाकर सुखासन पर विराजमान किया गया। इसके बाद श्रद्घालुओं ने पवित्र सरोवर में डुबकी लगाई। दोपहर में सबद-कीर्तन के बाद हुकुमनामा का पाठ और फिर इस वर्ष की पहली अरदास संपन्न हुई।
श्री हेमकुंड साहिब ट्रस्ट के प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि हेमकुंड साहिब और पैदल मार्ग पर अभी भी कई स्थानों पर हिमखंड खड़े हैं। यह श्रद्घालुओं की आस्था ही है कि भारी ठंड के बावजूद उन्होंने पवित्र हेमकुंड सरोवर में स्नान करने के बाद अरदास में भाग लिया।
उधर, हेमकुंड साहिब परिसर में ही स्थित लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट भी पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ खोल दिए गए। इस दौरान भ्यूंडार घाटी के ग्रामीणों ने अपने ईष्ट देव लोकपाल लक्ष्मण की पूजा-अर्चना की। गुरुद्वारा साहिब में दर्शनों को पहुंचे श्रद्घालुओं ने भी लोकपाल लक्ष्मण मंदिर पहुंचकर मत्था टेका। दोनों धाम में श्रद्घालुओं ने कोविड-19 गाइडलाइन का पालन करते हुए ही दर्शन किए।