सरकारी आयोजनों में धार्मिक क्रियाकलापों के खिलाफ थे हेमवती नंदन बहुगुणा: धस्माना

Spread the love

देहरादून। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और यूपी के पूर्व सीएम स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा की 103वीं जयंती पर उन्हें नमन किया गया। मानव संसाधन विकास ट्रस्ट ने ईसी रोड स्थित ट्रस्ट के कार्यालय में धर्मनिरपेक्षता विषय पर विचार गोष्ठी आयोजित की। इससे पहले घंटाघर स्थित प्रतिमा पर मालार्पण कर स्वर्गीय बहुगुणा को श्रद्घासुमन अर्पित की गई।
ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सूर्यकांत धस्माना ने बहुगुणा को भारत का नेहरू एवं इंदिरा के बाद का सबसे बड़ा धर्मनिरपेक्ष नेता बताया। धस्माना ने हेमवती नंदन बहुगुणा के 1981 में संपर्क में आने से लेकर उनकी मृत्यु तक के अनेक संस्मरण सुनाए। उन्होंने बहुगुणा के मुख्यमंत्री काल का रोचक किस्सा सुनाया। उन्होंने बताया कि एक बार हेमवती नंदन बहुगुणा ने उन्हें बताया था कि वह जब लखनऊ में एक पुल का उद्घघाटन करने पहुंचे थे तो अधिकारी ने दो मिनट रुकने के लिए कहा। अधिकारी ने तर्क दिया कि पंडित नहीं आए हैं। इस पर बहुगुणा बोले, क्या मौलवी, पादरी और ग्रंथी पहुंच गए? बहुगुणा के इस सवाल से सभी भौचक रह गए। बहुगुणा ने पुल का उद्घघाटन किया और उसी दिन सचिवालय पहुंच कर बाकायदा यह आदेश जारी किया कि राज्य के किसी भी कार्यक्रम में कोई धार्मिक क्रियाकलाप नहीं होगा। क्योंकि राज्य सबका है और राज्य का अपना कोई धर्म नहीं वो धर्मनिरपेक्ष है। श्रद्घासुमन अर्पित करने वालों में पार्षद अनूप कपूर, पूर्व पार्षद राजेश उनियाल, गिरवर सिंह चौहान, कमर सिद्दीकी, प्रताप सिंह असवाल, राम कुमार थपलियाल, आनंद सिंह पुंडीर, अभिषेक तिवारी, अवधेश कथीरिया, अनुज दत्त शर्मा, सलीम अंसारी, विवेक घिल्डियाल, सुरेंद्र कोठियाल आदि शामिल रहे।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *