उत्तराखंड

हाईकोर्ट ने किया सचिव उच्च शिक्षा राधा रतूड़ी को अवमानना का नोटिस

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नैनीताल। हाईकोर्ट ने मंगलवार को एमकेपी पीजी कॉलेज देहरादून में 45 लाख रुपये का गबन करने के मामले में उच्च न्यायालय के आदेशों की अनदेखी करने तथा जांच को लंबित रखने के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने सचिव उच्च शिक्षा राधा रतूड़ी को अवमानना का नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। सुनवाई न्यायमूर्ति मनोज तिवारी की एकलपीठ में हुई। बता दें कि पिछली तिथि पर कोर्ट ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिए थे कि वह सचिव उच्च शिक्षा को पक्षकार बनाए। मंगलवार को कोर्ट ने उनके प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए सचिव उच्च शिक्षा राधा रतूड़ी को पक्षकार के रूप में अवमानना का नोटिस जारी किया है। वर्ष 2012 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा एमकेपी पीजी कॉलेज को 45 लाख रुपये की धनराशि दी थी। जिसके ऑडिट में गबन का अंदेशा जताया गया था। देहरादून की समाजसेवी सोनिया बेनीवाल ने उच्च न्यायालय में इसे लेकर जनहित याचिका दायर की। जिसमें उच्च शिक्षा विभाग की ओर से शपथ पत्र पेश कर कहा गया कि विवि में 45 लाख रुपये का गबन हुआ है। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने तत्कालीन सचिव जितेंद्र सिंह नेगी और तत्कालीन प्राचार्य डॉ. किरण सूद को सुनवाई का अवसर देने के बाद प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा आनंद वर्धन से चार माह के भीतर निर्णय लेने को कहा था। कहा था कि अगर गड़बड़ियों की पुष्टि होती है तो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करें। उच्च न्यायलय के इस आदेश के खिलाफ सचिव जितेंद्र सिंह नेगी ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिलने पर नेगी ने हाइकोर्ट में पुन: पुनर्विचार याचिका दायर की जिसे हाईकोर्ट ने भी खारिज कर दिया था। कोर्ट के पूर्व आदेश के क्रम में प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा आनंद वर्धन को इस प्रकरण में 18 दिसंबर 2020 तक उचित निर्णय लेकर कार्रवाई करनी थी। उनके द्वारा अतिविलंब पर सोनिया बेनीवाल द्वारा उच्च न्यायालय में अवमानना याचिका दायर की गई।

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