महाकुंभ कोविड टेस्टिंग फर्जीवाड़ा मामले में हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
नैनीताल। हाईकोर्ट ने हरिद्वार कुम्भ मेले मे कोरोना टेस्टिंग में फर्जीवाड़े के आरोपित मैक्स करपोरेट सर्विसेज के सर्विस पार्टनर शरद पंत व मलिका पन्त की याचिका पर सुनवाई की। याचिकर्ताओं ने कोर्ट को बताया कि पुलिस उनको गिरफ्तार करने जा रही है, जबकि उनके द्वारा आईओ को जांच में पूरा सहयोग किया गया है। अभी तक वे आईओ के सामने पांच बार पेश हो चुके है और अरनेश कुमार बनाम विहार राज्य का निर्णय उनके पक्ष में है । उसके बाद भी पुलिस उनको गिरफ्तार करने जा रही है, लिहाजा कोर्ट के पूर्व के आदेश को बरकरार रखा जाय। कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद उनकी गिरफ्तारी से रोक सम्बन्धित आदेश को आगे न बढाकर सरकार से इस मामले पर 20 अगस्त तक जवाब दाखिल करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 20 अगस्त की तिथि नियत की है।
न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की एकलपीठ में मामले की सुनवाई हुई। पिछली तिथि को कोर्ट ने सरकार की तरफ से पूर्व के आदेश को रिकल या वापस लेने से संबंधित प्रार्थना पत्र को निरस्त कर दिया था। मैक्स के पार्टनर शरद पन्त व मल्लिका पन्त ने याचिका दायर कर कहा था कि वह मैक्स कर्पोरेट सर्विसेस में सर्विस प्रोवाइडर है। परीक्षण और डेटा प्रविष्टि के दौरान मैक्स कर्पोरेट का कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था। परीक्षण और डेटा प्रविष्टि का सारा काम स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की प्रत्यक्ष निगरानी में किया गया था। अधिकारियों की मौजूद्गी में परीक्षण स्टालों ने जो कुछ भी किया था उसे अपनी मंजूरी दे दी अगर कोई गलत कार्य कर रहा था तो कुंभ मेले की पूरी अवधि के दौरान अधिकारी चुप क्यों रहे।
सीएमओ हरिद्वार ने पुलिस में मुकदमा दर्ज करते हुए आरोप लगाया था कि कुंभ मेले के दौरान इनके द्वारा अपने को लाभ पहुंचाने के लिए फर्जी तरीके से टेस्ट कराए गए। 2021को एक व्यक्ति ने सीएमओ हरिद्वार को एक पत्र भेजकर शिकायत की गयी थी कि कुंभ मेले में टेस्ट कराने वाले लैबो द्वारा उनकी आईडी व फोन नंबर का उपयोग किया है जबकि उनके द्वारा रेपिड एंटीजन टेस्ट कराने हेतु कोई रजिस्ट्रेशन व सैम्पल नही दिया गया। कोर्ट ने पूर्व में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय अरनेश कुमार बनाम विहार राज्य के आधार पर इनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी। निर्णय में यह प्रावधान है कि सात साल से कम सजा वाले केस में गिरफ्तार नही करने व जांच में सहयोग करने के दिशा निर्देश दिए गए थे।