कैले बांधी चीर हो रघुनंदन राजा के साथ खड़ी होली शुरू

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बागेश्वर। चीरबंधन के साथ जिले में खड़ी होली शुरू हो गई है। बागनाथ मंदिर समेत अनेक मंदिरों में पूजा अर्चना के साथ चीरबंधन किया गया। इसके बाद होल्यारों ने कैले बांधी चीर हो रघुनंदन राजा होली से कार्यक्रम शुरू किया। इसके बाद मथुरा के ठाकुर हो हो हो खेलत है होरिया, शिव के मन माही बसे काशी समेत कई होलियां गाईं। होल्यारों को अबीर व गुलाल का टीका लगाया गया। मालूम हो कि कुमाउं में पौष महीने के पहले रविवार से होली गायन कार्यक्रम शुरू हो जताा है। इसके बाद बसंत पंचमी से होली गायन का रंग बदल जाता है। शिवरात्रि पर खड़ी होली गाई जाती है। फाल्गुल शुक्ल पक्ष की एकादशी से रंग की होली खेली जाती है। इस बार बुधवार को सुबह 11 बजे बागनाथ मंदिर में चीरबंधन के साथ होली शुरू हुई। इसके बाद होल्यारों ने घर-घर जाकर रंग डाला और होली गायन किया। चीरबंधन के बाद कत्यूर घटी, कांडा, कमस्यार, द्गु नाकुरी, कपकोट में होली की धूम शुरू हो गई है। होल्यार चीर के साथ होली गायन में व्यस्त होने लगे हैं। कई गांवामें होली मनाने के लिए प्रवासी भी पहुंचने लगे हैं। इन लोगों का ग्रामीण अंचल के लोग इंतजार करते हैं। सभी मिलकर होली गायन कर रहे हैं। महिलाओं ने टोली बनाकर मंदिरों में होली गायन कर कार्यक्रम शुभारंभ कर दिया है।

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