पांच महीने से मानदेय नहीं मिलने से आशाएं निराश
बागेश्वर। स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ कहे जाने वाली आशाओं की आशा पूरी नहीं हो रही है। पांच महीने से उन्हें पारिश्रमिक नहीं मिला है। बैठक, ट्रेनिंग तथा टीकाकरण का काम आशाएं लगातार कर रही है, उनका मेहनताना नहीं मिल रहा है। अब उनके सामने रोजी-रोटी का संकट गहराने लगा है। अपनी समस्याओं को वह हर मंच पर रख रही हैं, लेकिन उन्हें आश्वासनों के अलावा कुछ नहीं मिल रहा है।