उत्तरकाशी की पंचकोसी यात्रा में जुटी भक्तों की भारी भीड़
उत्तरकाशी। उत्तरकाशी की प्रसिद्घ पंचकोसी वारुणी यात्रा पर रविवार को जगह-जगह मंदिरों में श्रद्घालुओं की भारी भीड़ जुटी। इस प्रसिद्घ धार्मिक यात्रा का बड़ेथी चुंगी में वरुण गंगा और गंगा भागीरथी के संगम पर स्नान कर सुबह पदयात्रा के साथ आगाज हुआ। उधर, धनारी क्षेत्र के नागणी में भी 18 किमी की पैदल यात्रा कर श्रद्घालुओं ने क्षेत्र और परिवार की खुशहाली की मन्नतें मांगी। मंदिरों में जगह-जगह श्रद्घालुओं के लिए जलपान की उचित व्यवस्था की गई थी। मान्यता है कि पंचकोसी वारुणी यात्रा के दौरान श्रद्घालुओं को 33 करोड़ देवी देवताओं के दर्शन होते हैं और इस यात्रा को पूरी करने वाले हर श्रद्घालु की मनोकामना पूर्ण हो जाती है। पंचकोसी वारुणी यात्रा चीड़, देवदार, बांज, बुरांश के घने जंगलों के बीच होते हुए लगभग 14 किमी का पैदल ट्रेक है। सदियों से चली आ रही परंपरा के अनुसार हर साल चौत्र मास की त्रयोदशी को यहां पंचकोसी वारुणी यात्रा आयोजित की जाती है। जिले भर से भारी संख्या में बारिश के बावजूद श्रद्घालु वारुणी यात्रा पर निकले और वरुणावत पर्वत की पैदल परिक्रमा कर मन्नतें मांगी। यात्रा बसूंगा, साल्ड, ज्ञाणजा, वरुणावत के शीर्ष, संग्राली, पाटा होते हुए गंगोरी में असी गंगा और गंगा भागीरथी के संगम पर पहुंची। यहां श्रद्घालुओं ने संगम पर स्नान कर उत्तरकाशी नगर स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर समेत तमाम मंदिरों में पूजा-अर्चना कर पुण्य लाभ अर्जित किया। यात्रा रूट पर बसूंगा स्थित कंडार देवता मंदिर के पुजारी विनोद प्रसाद भट्ट, स्थानीय निवासी अंजली बहुगुणा, ज्ञाणजा निवासी विपिन नेगी, विमलेश्वर मंदिर पुजारी दिवाकर डंगवाल, संग्राली मंदिर के पुजारी राकेश डंगवाल ने बताया कि वारुणी यात्रा को लेकर लोगों में खासा उत्साह रहा। यहां मंदिर में हजारों श्रद्घालुओं ने दर्शन किया। जलपान इत्यादि की व्यवस्था श्रद्घालुओं के लिए की गई।