मानव सेवा ही सच्ची ईश्वर सेवा: स्वामी चिदानंद

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ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन में श्रीराम कथा के दौरान विश्व नेत्रदान दिवस भी मनाया गया। कथा मंच से लोगों को नेत्रदान के प्रति जागरूक किया गया। इस दौरान पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के सामने श्रीराम कथा में विभिन्न राज्यों से आये लोगों ने ऋषिकेश की लचर ट्रैफिक व्यवस्था पर नाराजगी जताई। मंगलवार को परमार्थ निकेतन में चल रही श्रीराम कथा में पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल पहुंचे। उन्होंने कथा मंच से कहा कि हम सभी धर्म, संस्कृति व सनातन को मानने वाले लोग हैं। इसलिये हमारे आमंत्रण पत्र पर जो देवी-देवताओं के चित्र होते हैं, उसे इधर-उधर फेंकना नहीं चाहिए। इससे हमारे देवी देवताओं का अनादर होता है। उन्होंने ऋषिकेश में ट्रैफिक समस्या पर चिंता जताई और जल्द समाधान कराने का आश्वासन दिया। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने विश्व नेत्रदान दिवस पर नेत्रदान के लिए श्रद्धालुओं को जागरूक किया। उन्होंने कहा कि मानव सेवा ही सच्ची ईश्वर सेवा है। एक व्यक्ति द्वारा नेत्रदान दो लोगों को दृष्टि प्रदान कर सकता है, यह कितना अद्भुत, पावन और पुण्य कार्य है। नेत्रदान न केवल किसी को आंखें देता है, बल्कि उसकी आशा, आत्मनिर्भरता और पूरी जीवनदृष्टि को नया रूप देता है। नेत्रदान, शरीर त्याग के बाद भी जीवनदान देने का एक दिव्य माध्यम है। कथाव्यास संत मुरलीधर ने मां शबरी की नवधा भक्ति का वर्णन किया। उन्होंने श्रद्धालुजनों और देशवासियों से आह्वान किया कि दृष्टि का दान केवल नेत्र नहीं, यह भविष्य और आशा का दान है। इसके लिए सभी को जगारूक होना चाहिए।

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