मैं मक्खन पर नहीं पत्थर पर लकीर खींचता हूं : पीएम मोदी
टोक्यो ,एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को जापान में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे मक्खन पर लकीर खींचने में मजा नहीं आता, पत्थर पर लकीर खींचता हूं। मुझे संस्कार ही कुछ ऐसे मिले हैं। उन्होंने कहा कि आज भारत जब आजादी के 75 सालों को जश्न मना रहा है तो हम आने वाले 25 सालों की योजना भी तैयार कर रहे हैं। हमने बहुत बड़े संकल्प लिए हैं, जो कठिन लगते हैं। लेकिन मुझे जो संस्कार मिले हैं और जिन लोगों ने मुझे गढ़ा है, उससे मेरी एक आदत पड़ गई है। पीएम मोदी ने कहा कि जापान से प्रभावित होकर स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि हर भारतीय नौजवान को अपने जीवन में कम से कम एक बार जापान की यात्रा जरूर करनी चाहिए। मैं स्वामी जी की इस सद्भावना को आगे बढ़ाते हुए, मैं चाहूंगा कि जापान का हर युवा अपने जीवन में कम से कम एक बार भारत की यात्रा करे।
उन्होंने कहा कि कोविड के दौरान अनिश्चितता का माहौल था। उस समय भी भारत ने दुनिया के देशों को दवाएं भेजीं। जब वैक्सीन उपलब्ध हुईं तब भारत ने श्मेड इन इंडिया वैक्सीन अपने करोड़ों नागरिकों को भी लगाईं और दुनिया के 100 से अधिक देशों को भी भेजीं।
वाह, कहां से सीख लिया़.. जापानी बच्चे के हिंदी बोलने पर खुश हुए पीएम नरेंद्र मोदी
तोक्यो । क्वाड सम्मेलन में भाग लेने लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान पहुंचे हैं। तोक्यो पहुंचने पर उनका शानदार स्वागत किया गया। होटल के बाहर उनका अभिवादन करने के लिए बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। उसी भीड़ में कई जापानी बच्चे भी शामिल थे जो कि हाथ में तिरंगे को दर्शाने वाले पोस्टर लिए खड़े थे। प्रधानमंत्री ने बच्चों से बात की और उन्हें अटोग्राफ दिया। पीएम मोदी से एक जापानी बच्चे ने हिंदी में बात की तो वह बेहद खुश हुए। उन्होंने कहा, वाह, तुम हिंदी कहां से सीख लिए? तुम्हें तो बहुत अच्छी हिंदी आती है। विजुकी नाम के जिस बच्चे ने प्रधानमंत्री मोदी से बात की उसने कहा, मैं बहुत ज्यादा तो हिंदी नहीं बोल सकता लेकिन समझ सकता हूं। प्रधानमंत्री ने मेरे मेसेज पढ़े। उन्होंने अपने साइन भी किए। मैं बहुत खुश हूं।