‘भोपाल से इशारा करूंगा, इंदौर में काम होगा’, कैलाश विजयवर्गीय के बयानों से चर्चा में सीएम पद
नई दिल्ली, एजेंसी। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के माहौल के बीच भाजपा के कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय सुर्खियों में हैं। इंदौर-1 सीट से टिकट मिलने के बाद से विजयवर्गीय लगातार ऐसे बयान दे रहे हैं जो चर्चा का कारण बन रहे हैं। अब विजयवर्गीय ने इंदौर में कहा कि मैं अगर समय नहीं दूंगा तो सिर्फ भोपाल में बैठकर इशारा करूंगा, उससे ही आपका काम हो जाएगा। इससे पहले भी उन्होंने कहा कि मैं सिर्फ विधायक बनने नहीं आया हूं। पार्टी की ओर से मुझे कुछ और बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी, बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी तो काम भी बड़ा करूंगा। कैलाश विजयवर्गीय के इन बयानों के सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं। आइए, अब इन बयान के मायने समझने की कोशिश करते हैं।
दरअसल, भाजपा ने 10 साल के ब्रेक के बाद कैलाश विजयवर्गीय को चुनाव लड़ने की जिम्मेदारी दी है। उन्हें इंदौर-1 विधानसभा सीट से टिकट दिया गया है। इसके बाद से विजयवर्गीय अपने क्षेत्र में पार्टी की जीत के लिए प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। गुरुवार को विजयवर्गीय ने वार्ड-7 सात में कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा- विकास के मामले में इंदौर-1 को नंबर वन बनाऊंगा। यहां के पार्षद और कार्यकर्ता इतने अच्छे हैं कि मैं अगर समय नहीं दूंगा, सिर्फ भोपाल से बैठकर इशारा करूंगा तो आपका काम हो जाएगा।
इससे पहले चार अक्तूबर को कैलाश विजयवर्गीय ने एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था- मैं सिर्फ विधायक बनने नहीं आया हूं, मुझे संगठन बड़ी जिम्मेदारी भी देगा। जब बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी तो काम भी बड़े-बड़े होंगे। कैलाश विजयवर्गीय के ये बयान महज बयान नहीं है, इनके सियासी मायाने भी हैं। जिस तरह से वे बड़ी जिम्मेदारी मिलने की बात कह रहे हैं। इसका मतलब सीएम पद से हो सकता है। वही, गुरुवार को उन्होंने कहा कि वे भोपाल में बैठकर इशारा करेंगे और काम हो जाएगा। इस बयान के मायने भी मुख्यमंत्री पद से जुड़े हुए हैं, क्योंकि सीएम भोपाल में रहकर ही सरकार चलाते हैं। इसलिए सियासी गलियारों में लगातार ये चर्चा हो रही है कि कैलाश विजयवर्गीय खुद को सीएम पद का दावेदार बता रहे हैं।
भाजपा आलाकमान की बात करें तो वह कई बार साफ कर चुका है कि पार्टी प्रदेश में बिना सीएम फेस के चुनाव लड़ेगी। यानी इस विधानसभा चुनाव को पार्टी किसी को भी सीएम घोषित नहीं करेगी। अब तक इसी रणनीति के साथ पार्टी प्रचार-प्रसार कर रही है। लेकिन, कैलाश विजयवर्गीय जैसे बड़े नेता को विधानसभा चुनाव में उतारना फिर उनका इस तरह के बयान देना राजनीति जानकारों को खटक रहा है। ऐसे में चर्चा है कि क्या विजयवर्गीय से बड़ा वादा कर ही आलाकमान ने उन्हें चुनाव लड़ने भेजा है। क्या ये बड़ा वादा सीएम पद को लेकर है। इसलिए कैलाश विजयवर्गीय लोगों को संकेत देने के लिए इस तरह के बयान दे रहे हैं।
कैलाश विजयवर्गीय के बयान सियासी चर्चा का इसलिए भी बन रहे हैं क्योंकि, खुद सीएम शिवराज सिंह चौहान अपनी विदाई के संकेत दे चुके हैं। एक अक्टूबर को सीहोर जिले के लाड़कुई में शिवराज सिंह चौहान ने लाड़ली बहना सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा था- ऐसा भैया मिलेगा नहीं तुम्हें, जब चला जाऊंगा तब याद आऊंगा। मैंने मध्य प्रदेश में राजनीति की परिभाषा बदल दी है।