अगर हरक सिंह कांग्रेस में शामिल हो यमकेश्वर से करेंगे दावेदारी तो शैलेंद्र कोटद्वार मेें भाजपा से ठोक सकते हैं ताल !
पौड़ी गढ़वाल में बिगड़ सकते हैं भाजपा-कांग्रेस के चुनावी समीकरण
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : हरक सिंह रावत को अनुशासनहीनता के आरोप में भाजपा से निष्कासित कर दिए जाने के बाद पौड़ी गढ़वाल में भाजपा और कांग्रेस के चुनावी समीकरण हिलोरे खाने लगे हैं। यहां इन दोनों पार्टियों की ओर से लैंसडौन, यमकेश्वर व कोटद्वार विधानसभा के लिए तैयार उम्मीदवारों के पैनल निरर्थक हो गए हैं। इसकी वजह यह है कि अगर हरक सिंह रावत कांग्रेस में शामिल होकर यमकेश्वर से ताल ठोकते हैं तो कांग्रेस के शैलेंद्र सिंह रावत जो कि करीब 10 वर्षों से सत्ता का वनवास झेल रहे हैं और लंबे समय से यमकेश्वर से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं, भाजपा में शामिल होकर कोटद्वार विधानसभा सीट से दावेदारी पेश कर सकते हैं। यदि ऐसा होता है तो इन दोनों ही पार्टियों को अपनी रणनीति बदलते हुए शुरुआत से घेराबंदी करनी होगी।
हरक सिंह रावत की बात करें तो उन्होंने भाजपा में रहते हुए लैंसडौन व यमकेश्वर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी। हालांकि भाजपा ने उनकी किसी भी बात को नहीं माना और उन्हें पार्टी से ही बाहर कर दिया। अब हरक सिंह रावत के कांग्रेस में शामिल होने की बात कही जा रही है। राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चा है कि यदि वह कांग्रेस में शामिल होते हैं और पार्टी उन्हें यमकेश्वर विधानसभा सीट से टिकट दे देती है, इसके साथ ही उनकी बहू को लैंसडौन से टिकट दिया जाता है तो पूरे चुनावी समीकरण ही बदल जाएंगे। हालांकि, हरक सिंह रावत के लिए भी कांग्रेस की ओर से यमकेश्वर से लड़ना आसान नहीं होगा। क्योंकि यहां जयहरीखाल ब्लॉक प्रमुख दीपक भंडारी उनके लिए काफी मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं। अभी गढ़वाल की राजनीति में बहुत कुछ होना बाकी है। अब यह आने वाला वक्त ही बताएगा कि ऊंट किस करवट बैठता है।
हरक का लैंसडौन से भी चुनाव लड़ना नहीं होगा आसान
कांग्रेस में शामिल होने के बाद यदि हरक सिंह रावत लैंसडौन से चुनाव लड़ते हैं या अपनी बहू को लैंसडौन से चुनाव लड़वाते हैं तो यहां भी उनके लिए राह आसान नहीं होगी। दरअसल, यहां भाजपा के विधायक दिलीप रावत लगातार दो बार जीत दर्ज कर चुके हैं। ऐसे में यहां भाजपा खुद को काफी मजबूत स्थिति में देख रही है। वहीं कांग्रेस की बात करें तो लैंसडौन में पिछले दो चुनावों में वह संघर्ष करती हुई ही नजर आई। कांग्रेस के टिकट पर लैंसडौन से चुनाव लड़ने के लिए हरक सिंह रावत को काफी पसीना बहाना पड़ेगा।
हरक का भाजपा से पलायन करने का बहुत पहले हो गया था आभास, इसीलिए शैलेंद्र रावत को पार्टी में शामिल करने की हुई थी कवायद
हरक सिंह रावत के भारतीय जनता पार्टा से पलायन करने की सुगबुगाहट तो काफी पहले से शुरू हो गई थी। जिसे देखते हुए भाजपा ने कांग्रेस के शैलेंद्र सिंह रावत को अपनी पार्टी में शामिल करने के लिए भी कवायद शुरू कर दी थी। हालांकि तब भाजपा इसमें सफल नहीं हुई, लेकिन अब लगता है कि भाजपा ऐसा करने में सफल हो सकती है।