गर्मियों में पहाड़ों पर घूमने आ रहे हैं तो लुटने को रहे तैयार
देहरादून। गर्मी का सीजन आते ही दूरदराज से पर्यटक घूमने के लिए पहाड़ों की ओर अपना रुख करते हैं। लेकिन उत्तराखंड सरकार द्वारा कोई नीति तैयार नहीं किये जाने से यहां के होटल स्वामी और अन्य प्रतिष्ठान अपने मन माने ढंग से वसूली करने में मशगूल है। अभी चारधाम यात्रा शुरू भी नहीं हुयी और हर तरह के रेटों में वृद्घि हो गयी है।
अभी तक ना तो उत्तराखंड सरकार के मंत्री सजग है और ना ही विभागीय अधिकारियों द्वारा इस और कोई ध्यान दिया जा रहा है, जिसके चलते हम आपको पहले ही आगाह कर रहे हैं यदि आप गर्मियों में घूमने के लिए पहाड़ों की ओर अपना रुख कर रहे हैं तो अपनी जेबें मोटी करके लाए क्योंकि यहां पर वह ढीली होने वाली है।
गर्मियों के सीजन में उत्तराखंड की वादियों में घूमने के लिए दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब और उत्तर प्रदेश समेत देशके अन्घ्य भागों से पर्यटक भारी संख्घ्या में यहां पहुंचते हैं। इन पर्यटकों से जहां सरकार को अच्छा खासा राजस्व प्राप्त होता है। उत्घ्तराखण्घ्ड पर्यटन प्रदेश और पर्यटन व्घ्यवसाय यहां की आजीविका के प्रमुख साधनों में से एक है। परंतु एक और पहलू यह भी है कि सरकार को इनकी ओर देखना लाजमी होता है। यहां आने पर्यटकों की हर सुख सुविधा का ख्घ्याल रखना सरकार का कर्तव्घ्य भी है। गर्मियों के सीजन मेंाषिकेश, देहरादून, मसूरी, नैनीताल समेत चार धाम के लिए पर्यटक रूख करते हैं। यहां आने वाले पर्यटक होटलों में रुकते हैं लेकिन यहां पर अभी तक सरकार द्वारा अभी तक इन होटलों में ठहरने और खाने पीने की वस्घ्तुओं की दर का कोई पैमाना तय नहीं किया गया हैं जिसके चलते होटल स्वामी जहां होटल में कमरे का किराया 500 लिया करते हैं तो वहीं अब यही कमरे 3-3 हजार रुपये में दिए जा रहे हैं। इतना ही नहीं खाने के नाम पर भी पर्यटको से मनमाने रेट वसूले जा रहे हैं। एक पर्यटक ने तो यहां तक बताया कि जो खाने की थाली 50 रुपए की मिलती है। वह अब डेढ़ सौ से 200 के बीच दी जा रही है। जहां प्रतिष्ठान स्वामी और होटल ढाबे वाले मनमाने ढंग से पर्यटकों की जेबों पर डाका डालने का काम कर रहे हैं तो वही पर्यटक को में भी उत्तराखंड सरकार और उसके मंत्री तथा विभागीय अधिकारियों के प्रति गहरा रोष उत्पन्न हो रहा है।