उद्घव कैबिनेट का अहम फैसला, औरंगाबाद का नाम संभाजी नगर और उस्मानाबाद का नाम धाराशिव करने को मंजूरी

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मुंबई , एजेंसी। महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच राज्य कैबिनेट ने आज अहम फैसला लिया। उद्घव कैबिनेट ने औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजी नगर और उस्मानाबाद का नाम बदलकर धाराशिव करने को मंजूरी दी है। इसी तरह नवी मुंबई एयरपोर्ट का नाम बदलकर डीबी पाटिल इंटरनेशनल एयरपोर्ट करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है।
राज्य मंत्री अनिल परब ने कल इसे लेकर बयान भी दिया था। उन्होंने कहा था कि औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजी नगर किया जाना चाहिए। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आज कैबिनेट में हुए इस फैसले से कांग्रेस और एनसीपी नाखुश है। उद्वव कैबिनेट का यह अहम फैसला ऐसे वक्त पर आया है जब महाराष्ट्र सरकार पर सियासी संकट के बादल छाए हुए हैं। शिवसेना से करीब 40 विधायक एकनाथ शिंदे के साथ जा चुके हैं। राज्यपाल ने विधानसभा में 30 जून को बहुमत परीक्षण के निर्देश दिए हैं और इसी पर सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई हो रही है।
कैबिनेट बैठक से बाहर निकलने के बाद सीएम उद्घव ने मीडिया के सामने हाथ जोड़ा। वह मीडिया के सामने भावुक नजर आए। बैठक में शामिल रहे जयंत पाटिल ने बताया कि सीएम ने मीटिंग में कहा कि अपने ही लोगों ने साथ नहीं दिया है। राकांपा नेता और महाराष्ट्र के मंत्री जयंत पाटिल ने राज्य कैबिनेट की बैठक के बाद कहा, सीएम ठाकरे ने कहा कि सभी तीन पार्टियां एक साथ आईं और ढाई साल में अच्छा काम किया। उन्होंने सभी पार्टियों का आभार जताया। कल विश्वासमत होगा और यह तय किया जाएगा कि यह अंत है या नहीं। सीएम उद्घव ठाकरे ने आगे कहा कि उन्हें कांग्रेस और एनसीपी का समर्थन मिला लेकिन दुर्भाग्य से उन्हें अपनी ही पार्टी (शिवसेना) के लोगों का समर्थन नहीं मिला।
राज्य कैबिनेट की बैठक के बाद महाराष्ट्र के मंत्री और कांग्रेस नेता सुनील केदार ने बताया कि सीएम ने कहा कि हम उनके साथ अच्छा सहयोग करते हैं और वह भविष्य में भी हमसे इसी तरह के सहयोग की अपेक्षा करेंगे। सुनील केदार ने कहा, उद्घव ठाकरे को कोई पूर्व प्रशासनिक अनुभव नहीं था। उन्होंने कोरोना से मुकाबला किया। उनकी क्रिटिकल सर्जरी हुई थी। स्पाइनल सर्जरी कराने के एक महीने के भीतर किसने काम करना शुरू कर दिया है? मुझे एक नाम बताओ। इस आदमी ने ऐसा किया। यहां तक कि पीएम ने उनसे कहा कि उन्होंने ताकत दिखाई।
केदार ने कहा, विधायक अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर सदन में वोट करते हैं। मुझे लगता है कि ढाई साल में हर विधायक ठाकरे सरकार के काम के बारे में जरूर सोचेगा। सीएम ने दो साल तक कोरोना का मुकाबला किया और सभी ने इसकी सराहना की। उन्होंने दूसरे राज्यों के लोगों को भी भूखा नहीं रहने दिया।

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