राष्ट्र की एकता बनाए रखने में संविधान की महत्वपूर्ण भूमिका
जयन्त प्रतिनिधि।
श्रीनगर गढ़वाल : हेमवती नंदन गढ़वाल विश्वविद्यालय की स्वर्ण जयंती पर शनिवार को राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा पोस्टर प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। प्रोफेसर महावीर सिंह नेगी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की 125वी वर्षगांठ पर संविधान दिवस मनाने की घोषणा 2015 में की गई। उन्होंने राष्ट्र की एकता बनाए रखने में संविधान की महत्वपूर्ण भूमिका बताई। उन्होंने भारतीय संविधान की विशेषताओं पर जोर देते हुए कहा कि परिस्थितियों के अनुसार संविधान में परिवर्तन किए जा सकते है, तथा देश के विकास के मार्ग में संविधान का अग्रणी योगदान है।
प्रदर्शनी का उद्घाटन प्रति कुलपति आरसी भट्ट ने दीप प्रज्वलित कर किया। प्रति कुलपति आर सी भट्ट ने बताया कि किस प्रकार समान परिस्थितियों के बावजूद भी भारतीय संविधान एक सफल संविधान है और पाकिस्तान एक असफल राज्य के रूप में स्थापित हुआ है। उन्होंने संविधान दिवस मनाने के उद्देश्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रथम वह लोग हैं जिनके अथक प्रयास से संविधान का प्रारूप तैयार हुआ तथा दूसरा संविधान द्वारा नागरिकों को प्राप्त अधिकार एवमं कर्तव्यों का उत्कृष्ट समायोजन। कार्यक्रम संचालक प्रो. सेमवाल ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी अथितियों व छात्र-छात्राओं को संविधान की प्रस्तावना का वाचन कर शपथ दिलाई। उन्होंने स्वतंत्र भारत के संविधान निर्माण से पूर्व 1909 के मार्ले मिंटो अधिनियम, 1919 के चेम्सफोर्ड मोटेस्क्यू अधिनियम, 1929 का लाहौर अधिवेशन, 1931 में पिछड़ों के अधिकारों के पूना समझौते एवं 1935 के अधिनियम के प्रावधानों सहित क्रिप्स मिशन, संविधान निर्माण के पूर्व किए गए विभिन्न प्रयासों के इतिहास का वर्णन एवं 9 दिसंबर 1946 संविधान सभा के गठन, उसकी विभिन्न समितियों एवं उनके कार्यों सहित 26 नवंबर 1949 को संविधान के लागू होने तक संविधान सभा से संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर विस्तृत जानकारी दी। इस मौके पर प्रो. राकेश नेगी द्वारा संविधान संबंधी प्रश्नों पर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। अजीम प्रेमजी फाउंडेशन ने भी चित्रों और विडियोज संकेतों में छिपे संवैधानिक मूल्यों को जानने की प्रतियोगिता आयोजित की। जिसमें सभी छात्र-छात्राओं ने उत्साह के साथ प्रतिभाग किया। इस मौ केपर अजमी प्रेमजी फाउंडेशन के जगमोहन कठैत, प्रदीप अंथवाल, मुख्य नियंता बीपी नैथानी, प्रोफेसर जेपी मेहता, डॉ. नरेश कुमार, प्रोफेसर इंदु खंडूरी, डॉक्टर कविता भट्ट, राजेंद्र प्रसाद आदि मौजूद थे।