बृजभूषण पर दर्ज मामले में नाबालिग के चाचा ने की प्रेसवार्ता, कहा- भतीजी का हुआ गलत इस्तेमाल
रोहतक (हरियाणा), एजेंसी। कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण श्रण सिंह पर लगे यौन शोषण के आरोपों के मामले में बड़ा मौड़ आ गया है। जिस नाबालिग लड़की के नाम पर पोक्सो की धारा मामले में जोड़ी गई है, उसके चाचा ने रोहतक में प्रेस वार्ता कर गंभीर आरोप लगाए हैं। रोहतक के महाराजा होटल में पत्रकारों से बातचीत में लड़की के चाचा ने अपने बड़े भाई को बहकाने व भतीजी का गलत प्रयोग करने का आरोप लगाया। बोले कि लड़की बालिग है।
उन्होंने कहा कि मेरे घर पर पुलिस ने पूछताछ की तो मामले का पता लगा। उन्होंने कहा कि उसकी भतीजी नाबालिग नहीं है। जंतर-मंतर पर चल रहे धरने को उन्हों गलत करार दिया। कहा कि पंजाब के पहलवानों ने खेल सजाया है। साथ ही भतीजी का मृत प्रमाण पत्र बनवाने का आरोप लगाया है।
भारतीय पहलवान 18 जनवरी को पहली बार दिल्ली के जंतर मंतर में धरने पर बैठे थे। पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे। खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहलवानों के साथ बात की और 21 जनवरी के दिन धरना खत्म कर दिया गया। बृजभूषण को कुश्ती संघ के कामकाज से अलग कर दिया गया और उनके खिलाफ लगे आरोपों पर जांच के लिए समिति बना दी गई।
अप्रैल तक जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट जारी कर दी, लेकिन रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया। ऐसे में पहलवान 23 अप्रैल को फिर जंतर मंतर में धरने पर बैठ गए। पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। इसके बाद बृजभूषण के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की। एक एफआईआर पाक्सो एक्ट के तहत दर्ज की गई।
पहलवान बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े रहे और प्रदर्शन जारी रखा। वहीं, बृजभूषण खुद को निर्दोष बताते रहे। 28 मई के दिन नए संसद भवन के उद्घाटन के दौरान पहलवानों ने मार्च करने की कोशिश की। तभी पुलिस ने पहलवानों को हिरासत में ले लिया। जंतर मंतर से उनका सामान हटा दिया गया और रात तक सभी पहलवानों को छोड़ दिया गया। कई पहलवानों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हुई है।