उत्तराखंड

लोकतंत्र के पहले महापर्व लोकसभा चुनाव में 8 जवानों की हुई थी मौत, वाहन दुर्घटना में गई थी जान

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चम्पावत। लोकतंत्र के पहले महापर्व में आठ जवानों ने हादसे में जान गंवाई थीं। दरअसल साल 1952 में हुए लोकसभा के पहले चुनाव में स्वाला के पास वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। हादसे में पीएसी आठवीं वाहिनी बरेली के आठ जवानों की मौत हो गई थी। ये जवान पिथौरागढ़ से चुनाव ड्यूटी पूरी कर बरेली लौट रहे थे।
उत्तराखंड में आगामी 19 अप्रैल को 18वीं लोक सभा के लिए चुनाव होगा। लेकिन वर्ष 1952 में लोक सभा के पहले चुनाव में आठ जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। आजादी के बाद 25 अक्तूबर 1951 से 21 फरवरी 1952 तक लोकसभा चुनाव हुए।
उत्तर प्रदेश के इस पहाड़ी क्षेत्र में मतदान सबसे अंत में था। उस वक्त चम्पावत अल्मोड़ा जिले में आता था। पिथौरागढ़ में चुनाव ड्यूटी निपटाने के बाद 25 फरवरी 1952 को पीएसी आठवीं बटालियन के जवान वापस बरेली जा रहे थे।
इसी दौरान टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग में विश्राम घाट स्वाला के पास पीएसी जवानों से भरा वाहन 200 मीटर गहरी खाई में गिर गया था। हादसे में सुरक्षा बल के आठ जवानों की मौत हो गई। अमोड़ी के बुजुर्ग खीमानंद भट्ट, नारायण दत्त आदि बताते हैं कि उस वक्त हादसे की जानकारी देर से मिली।
हादसे में इन जवानों की हुई थी मौत
चम्पावत(आरएनएस)। दुर्घटना के बाद विश्राम घाट में मृत जवानों की याद में स्मारक बनाया गया। स्मारक में आठ पीएसी जवानों के नाम और दुर्घटना की तिथि अंकित है। हादसे में जान गंवाने वालों में भूपाल सिंह, जगत सिंह, मान सिंह, नैन सिंह, वीर सिंह, रुद्र सिंह, पुरुषोत्तम सिंह और बतवा सिंह शामिल हैं।
हादसे के बाद बनाया मां दुर्गा का मंदिर
चम्पावत(आरएनएस)। विश्राम घाट में हुए हादसे के बाद यहां मां दुर्गा के मंदिर की स्थापना की गई। मंदिर के पुजारी पंडित बालम मुरारी बताते हैं कि तब रोड बहुत खराब थी। इस सड़क पर तब आवाजाही भी बेहद कम होती थी। बताते हैं कि हादसे के लंबे समय तक लोगों में दहशत रही। बाद में यहां मां दुर्गा का मंदिर बनाया गया।

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