अभियान के नाम पर खानापूर्ति, नासूर बनता जा रहा अतिक्रमण

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गढ़वाल के प्रवेश द्वार कोटद्वार में लगातार बढ़ रहा सड़कों पर अतिक्रमण
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : भले ही सरकारी सिस्टम शहर को अतिक्रमण मुक्त बनाने के दावे कर रहा हो। लेकिन, हकीकत यह है कि शहर में लगातार बढ़ रहा अतिक्रमण जनता के लिए नासूर बनता जा रहा है। सड़कों पर सजी दुकानों के कारण आमजन का पैदल चलना भी मुश्किल होता जा रहा है। अभियान के नाम पर केवल खानापूर्ति ही की जा रही है। सबसे बुरी स्थिति स्टेशन रोड पर बनी हुई है। वाहनों को निकलने के लिए पर्याप्त मार्ग नहीं मिलने से दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहता है।
गढ़वाल के प्रवेश द्वार कोटद्वार में अतिक्रमण नासूर बनता जा रहा है। अधिकांश व्यापारियों ने आधी सड़क तक अपनी दुकानें सजाई हुई हैं। बावजूद इसके सरकारी सिस्टम का ध्यान केवल गोखले मार्ग में रेहड़ी-ठेली तक ही सिमटा हुआ है। गोखले मार्ग से बाहर अन्य सड़कों पर अतिक्रमण हटाने के लिए कोई योजना तक नहीं बनाई गई। स्टेशन रोड पर वाहनों का सबसे अधिक दबाव होता है। इसके बाद भी उक्त रोड पर वर्तन व कपड़ा व्यापारियों ने आधी दुकान पर कब्जा जमाया हुआ है। यही स्थिति देवी रोड में भी देखने को मिल रही है। जहां राहगीरों के पैदल चलने तक का रास्ता नजर नहीं आ रहा। बची कसर रेहड़ी-ठेली वालों ने पूरी कर दी है। नजीबाबाद रोड, पटेल मार्ग, बदरीनाथ मार्ग सहित अन्य मुख्य मार्गों पर हालात प्रतिदिन बिगड़ते जा रहे हैं।

सड़क पर वाहनों की मरम्मत
कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत 70 से अधिक गैराज संचालित हो रहे हैं। इनमें से अधिकांश गैराज राष्ट्रीय राजमार्ग व अन्य मुख्य मार्गों पर ही संचालित हो रहे हैं। सड़क पर मरम्मत के लिए खड़े वाहनों के कारण शहर की यातायात व्यवस्था भी बेपटरी होती जा रही है। अव्यवस्था के कारण पूरे दिन जाम की स्थिति बनी रहती है।

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