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सुभांईके ग्रामीण बोले रैंणी वल्ली का उनके हक हकूक में विस्थापन नही मान्य

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चमोली। जोशीमठ के ब्लॉक सभागार में प्रशासन, सुभांई गांव एवं रैणी वल्ली गांव के बीच हुई बैठक में सुभांई के लोगों ने प्रशासन को स्पष्ट कहा कि किसी भी दशा में रैंणी वल्ली का विस्थापन उनके गांव या उनके हक हकूक के क्षेत्रों में नहीं होने दिया जायेगा। बता दें कि रैंणी वल्ली में पिछले दो माह से लगातार कटाव बढ़ रहा है व गांव के दर्जनों मकान कटाव की जद में है जिसके बाद प्रशासन ने इस गांव को विस्थापित करने का निर्णय लिया है। लेकिन प्रशासन द्वारा विस्थापन हेतु चयनित स्थान पर सुभांई गांव के लोगों ने कड़ी आपत्ती जताई है। बुधवार को नायब तहसीलदार प्रदीप नेगी की अध्यक्षता में हुई बैठक में सुभांई गांव की प्रधान बन्दना देवी एवं संघर्ष समिति अध्यक्ष सौरभ सिंह ने कहा कि उनके गांव में लगभग 150 परिवार निवास करते हैं व गांव की जनसंख्या 600 से अधिक है। कहा कि पूर्व में भी उनके गांव के द्वारा वनचुरा में नीति घाटी के कुछ लोगों को बसने दिया गया था अब ग्रामीणों के पास बहुत की सिमित मात्रा में हक हकूक की जमीन मौजूद है। गांव तक सड़क कटिंग के कारण काफी भूमि कट गई है। बताया कि पूरा गांव कास्तकारी, चारपाती के लिए वनों पर निर्भर है ऐसे में यदि रैणी वल्ली के ग्रामीणों को उनके गांव के हक हकूक में बसाया जाता है तो ग्रामीणों के आगे रोजी रोटी का संकट उत्पन्न हो जायेगा। सरपंच गब्बर सिंह, पूर्व प्रधान रणजीत लाल, दीपक रावत ने कहा कि यदि शासन प्रशासन ने उनके गांव में रैणी वल्ली के लोगों के विस्थापन की मंश नहीं छोड़ी तो आन्दोलन किया जायेगा। वहीं बैठक में रैणी वल्ली के प्रधान भवान सिंह ने कहा कि उनके गांव में खतरा बढ़ रहा है लोग खौफ के साये में रह रहे हैं, इसलिए प्रशासन जल्द ग्रामीणों का सुरक्षित स्थान में विस्थापन करे। कहा कि वे किसी भी आसपास के गांव से बैर नहीं चाहते बस अपना विस्थापन चाहते हैं। नायब तहसीलदार ने कहा कि इस बावत रिपोर्ट जिलाधिकारी को प्रेषित की जा रही है।

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