कोटद्वार की पायल पहुंची भारत, शशांक व स्वाति के भी जल्द लौटने की उम्मीद
-दोनों ही बस से हो चुके हैं स्लोवाकिया बॉर्डर के लिए रवाना
-बॉर्डर पार करने के बाद फ्लाईट मिलते ही पहुंच जाएंगे भारत
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : रूस व यूक्रेन के बीच बढ़े तनाव के चलते उत्तराखंड के छात्र-छात्राओं को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इन्हीं में कोटद्वार के भी कई छात्र-छात्राएं शामिल हैं। दरअसल, ये सभी छात्र-छात्राएं यूक्रेन में शिक्षा प्राप्त करने गए थे। लेकिन हालात इस कदर खराब होंगे इन छात्रों ने कभी सोचा भी न होगा। हालांकि, राहत की बात यह है कि अब धीरे-धीरे उत्तराखंड के छात्र-छात्राएं भारत लौटने लगे हैं। जिससे अभिभावक भी चैन की सांस लेने लगे हैं। रविवार को कोटद्वार निवासी शशांक बलूनी व स्वाति रतूड़ी भी यूक्रेन से बस में सवार होकर स्लोवाकिया बॉर्डर के लिए रवाना हो चुके हैं। उम्मीद है जल्द ही शशांक व स्वाति भी अपने परिजनों के पास पहुंच जाएंगे। उधर, स्टेशन रोड निवासी किशन पंवार ने बताया कि उनकी बेटी पायल भारत लौट आई हैं। रविवार शाम करीब साढ़े छह बजे वह दिल्ली एयर पोर्ट पर उतरीं। वह खुद अपनी बेटी को लेने दिल्ली गए हुए हैं।
भीमसिंहपुर कलालघाटी निवासी अनिल बलूनी ने बताया कि उनका बेटा शशांक यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है। जब से रूस व यूक्रेन के बीच तनाव बढ़ा है, तब से वहां छात्र-छात्राओं का बुरा हाल है। उन्होंने बताया कि उनका बेटा शशांक व उसके साथी बिल्डिंग के बेसमेंट में बने बंकर में छुपे हुए थे। हालांकि, रविवार को शशांक बलूनी व उनके साथ कोटद्वार निवासी स्वाति रतूड़ी यूक्रेन से स्लोवाकिया बॉर्डर के लिए निकल गए हैं। अनिल बलूनी ने बताया कि शशांक व उनके साथी सोमवार सुबह तीन से चार बजे तक स्लोवाकिया बॉर्डर पहुंच जाएंगे। बॉर्डर पार करने के बाद वह प्लेन से भारत के लिए रवाना होंगे। उन्होंने बताया कि स्लोवाकिया बॉर्डर तक आने के लिए भी छात्रों ने अपने खर्चे व जोखिम पर व्यवस्था की है। उधर, लैंसडौन निवासी संस्कृति अग्रवाल भी रविवार को यूक्रेन से वापस अपने घर पहुंच गई है। संस्कृति भी यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रही थी।