उत्तराखंड

महिलाओं को दी कानूनीअधिकारों की जानकारी

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

उत्तरकाशी। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं राष्ट्रीय महिला आयोग के तत्वावधान में जिला शिक्षा एंव प्रशिक्षण संस्थान बड़कोट के सभागार में डालसा द्वारा महिलाओं के अधिकार कानून विषय पर जनजागरूकता गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें वक्ताओं ने महिलाओं से सम्बन्धित अधिनियमों, कर्तव्यों व अधिकारों के बारे जानकारी दी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव व सनियिर सिविल जज श्वेता राणा ने लोगों से कानूनी अधिकारों का लाभ उठाने की अपील की। रविवार को नालसा एंव महिला आयोग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित गोष्ठियों में कानूनी अधिकारों को लेकर समाज के बीच जनजागरूकता फैलाने पर जोर दिया गया। मुख्य वक्ता बाल विकास विभाग में केन्द्र प्रशासक एडवोकेट पमिता थपलियाल ने कहा कि 21वीं सदी की नारी कानून की दृष्टि से अबला नहीं सबला है। पुरूष जगत का ध्यान इस तथ्य की ओर आष्ट हुआ कि नारी भी विश्व जीवन का उतना ही आवश्यक एवं महत्वपूर्ण अंग है जितना कि पुरूष ,वह पुरूष की वासना तृप्तिका एक साधन मात्र नहीं है। बल्कि वह जननी है, सहचारी व मार्गदर्शिका भी हैं। दूसरे वक्ता तौर पर एडवोकेट गीता बहुगुणा ने कहा कि महिलायें ज्यादातर अपने विधिक अधिकारों के बारे में अनभिज्ञ है। हमें खास बातों की जानकारी से साक्षरता का प्रयास करना होगा। उन्होंने भारतीय संविधान एवं भारतीय दण्ड संहिता 1860 के तहत मिलने वाले अधिकारों का विस्तार से जानकारी दी। राजकीय बालिका इण्टर कालेज उप प्रधानाचार्य शोभना थापा ने स्कूली बालिकाओं के बीच इस तरह के शिविर के आयोजन की बात कही। सनियर सिविल जज नेहा कुशवाह, डालसा सचिव श्वेता राणा चौहान ,न्यायिक मजिस्टे्रट सुश्री चौरब बत्रा एवं नवल सिंह बिष्ट ने कहा कि नारी के प्रति सम्मान व आदर इस बात को दिखाता है कि आप कितने सभ्य समाज का हिस्सा हो। इस मौके पर न्यायिक मजिस्ट्रेट नवल सिंह बिष्ट, उपजिलाधिकारी देवानन्द शर्मा , पुलिस उपाधीक्षक सुरेन्द्र सिंह भण्डारी आदि थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!